हिन्दू धर्म में तुलसी माता को एक पवित्र पौधा माना जाता है। इसे भगवान विष्णु की पत्नी के रूप में पूजा जाता है। तुलसी माता को सुख-समृद्धि और आस्था का प्रतीक माना जाता है। तुलसी माता को भगवान विष्णु की पत्नी माना जाता है। भगवान विष्णु की पूजा में तुलसी के पत्ते का प्रयोग अनिवार्य है। तुलसी माता को सुख-समृद्धि और आस्था का प्रतीक माना जाता है। घर में तुलसी का पौधा लगाने से सुख-समृद्धि और शांति का वास होता है। तुलसी माता को एक औषधीय पौधा भी माना जाता है। तुलसी के पत्तों का प्रयोग कई तरह की बीमारियों के इलाज में किया जाता है।
तुलसा घूम रही बृज धाम लिरिक्स Tulasa Ghoom Rahi Brij Dham Lyrics
तुलसा घूम रही बृज धाम,जाने कहां मिलेंगे श्याम,
तुलसा घूम रही बृज धाम,
जाने कहां मिलेंगे श्याम।
जब तुलसा जमुना तट आई,
राधा सखियों के संग आई,
गोता लगा रहे घनश्याम,
तुलसा यही मिलेंगे श्याम,
तुलसा घूम रही बृज धाम,
जाने कहां मिलेंगे श्याम।
जब तुलसा मधुबन में आई,
राधा सखियों के संग आई,
गैया चरा रहे घनश्याम,
तुलसा यही मिलेंगे श्याम,
तुलसा घूम रही बृज धाम,
जाने कहां मिलेंगे श्याम।
जब तुलसा बंसीवट आई,
राधा सखियों के संग आई,
मुरली बजा रहे घनश्याम,
तुलसा यही मिलेंगे श्याम,
तुलसा घूम रही बृज धाम,
जाने कहां मिलेंगे श्याम।
जब तुलसा वृंदावन आई,
राधा सखियों के संग आई,
वहां पर रास रचावे घनश्याम,
तुलसा यही मिलेंगे श्याम,
तुलसा घूम रही बृज धाम,
जाने कहां मिलेंगे श्याम।
कार्तिक मास तुलसा घर घर आई,
सब सखियां मिल मंगल गाए,
वहां पर मिल गए शालिग्राम,
तुलसा यही मिलेंगे श्याम,
तुलसा घूम रही बृज धाम,
जाने कहां मिलेंगे श्याम।