माँ तुम प्रेम की मूरत हो भजन

माँ तुम प्रेम की मूरत हो भजन

(मुखड़ा)
ओढ़े है चुनर लाल,
बिंदिया सोहे है भाल,
क्या खूब सजा श्रृंगार,
माँ, तुम प्रेम की मूरत हो,
तुम प्रेम की मूरत हो।।

(अंतरा)
तेरे माथे का टीका चमके,
टीके का, माँ, क्या कहना,
लिए हाथ पुष्प की माला,
गले पहने सुंदर गहना,
तेरी सूरत, प्यारी मूरत,
तेरी सूरत, प्यारी मूरत,
मैं देखूँ बारंबार,
ले हाथों में तलवार,
होकर के सिंह सवार,
माँ, आ जाओ दरबार,
माँ, तुम प्रेम की मूरत हो,
तुम प्रेम की मूरत हो।।

तेरा ऊँचा भवन निराला,
जले जगमग दीपक ज्वाला,
तेरे चरण पखारूँ, मैया,
दे दे चरणों में ठिकाना,
तेरी शक्ति को सब जाने,
महिमा को जग बखाने,
फिर आया मैं हर द्वार,
दुखड़ा सुन ले इस बार,
मैं आता रहूँ हर बार,
कर दो मेरा उद्धार,
माँ, तुम प्रेम की मूरत हो,
तुम प्रेम की मूरत हो।।

मेरा कर दो, मैया, मंगल,
तेरी सेवा करूँ मैं हर पल,
मुझे आज ही देना वर,
माँ, मेरे मन में मची है हलचल,
होगा जो एक इशारा,
होगा जो एक इशारा,
तर जाऊँगा मैं नादान,
करता मैं तेरा ध्यान,
निशदिन करता गुणगान,
भजनों की चले है बहार,
माँ, तुम प्रेम की मूरत हो,
तुम प्रेम की मूरत हो।।

(पुनरावृत्ति)
ओढ़े है चुनर लाल,
बिंदिया सोहे है भाल,
क्या खूब सजा श्रृंगार,
माँ, तुम प्रेम की मूरत हो,
तुम प्रेम की मूरत हो।।
 


ना कजरे की धार - न्यू फिल्मी तर्ज भजन | Superhit Filmi Bhajan| Mata ji Bhajan | ‪@Mukeshmeenabhajan‬

माँ का श्रृंगार, उनकी शक्ति, और भक्तों को दिए गए आशीर्वाद का वर्णन किया गया है। भक्त माँ से मंगलमयी जीवन का आशीर्वाद माँगता है और उनकी भक्ति में मग्न रहने की प्रार्थना करता है।

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