पतंजलि च्यवनप्राश के फायदे Patanjali Chvyanprash Ke Fayde

पतंजलि च्यवनप्राश के फायदे Patanjali Chvyanprash Ke Fayde

पतंजलि च्यवनप्राश एंटीऑक्सीडेंट गुणों से भरपूर होता है। इसका सेवन करना स्वास्थ्य की दृष्टि से बहुत ही लाभदायक होता है। यह हमारी रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाकर मौसमी बीमारियों से हमारा बचाव करता है। भारत में प्राचीन काल से ही आयुर्वेदिक औषधीयों को मिलाकर कई अवलेह तैयार किए जाते रहे हैं। जिसमें से च्यवनप्राश भी एक अवलेह है। आज हम इस लेख के माध्यम से जानेंगे पतंजलि च्यवनप्राश के सेवन से होने वाले फायदे।

पतंजलि च्यवनप्राश के फायदे Patanjali Chvyanprash Ke Fayde


दोस्तों जैसा कि आप जानते ही हैं सर्दियों के मौसम में हमारे शरीर को अतिरिक्त गर्मी की आवश्यकता होती है तथा शरीर में गर्मी को बनाए रखने के लिए हम चवनप्राश का सेवन करते हैं। च्यवनप्राश में ऐसे घटकों को शामिल किया जाता है जिससे शरीर को गर्मी मिलती है। च्यवनप्राश का सेवन करने से रोग प्रतिरोधक क्षमता का विकास होता है तथा यह बदलते हुए मौसम से होने वाली बीमारियों से हमारे शरीर का बचाव करता है। च्यवनप्राश का सेवन करने से हमारे प्रति रक्षा प्रणाली सुचारू रूप से कार्य करने लगती है तथा हमारी रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ने से हम स्वस्थ रहते हैं।

पतंजलि च्यवनप्राश निम्न घटक सामग्री से बनाया जाता है:

पतंजलि च्यवनप्राश का मुख्य घटक आंवला होता है।
इसके साथ ही इसमें घी, शहद, तिल का तेल, और कई अन्य आयुर्वेदिक जड़ी बूटियां, औषधीयां और मसालों का समावेश किया जाता है।
इसमें मुख्य रूप से बिल्व, स्योनाका, अग्निमंथा, द्राक्ष, जीवंती, उत्पला, कैंडाना, कस्मार्या आदि औषधीयां भी इस्तेमाल की जाती हैं।

पतंजलि च्यवनप्राश के सेवन से होने वाले फायदे:

सर्दियों के मौसम में च्यवनप्राश का सेवन करना बहुत ही लाभदायक होता है। च्यवनप्राश एंटीऑक्सीडेंट से भरपूर होता है। जिससे यह हमारी रोग प्रतिरोधक क्षमता का विकास करने में सक्षम होता है। यह विटामिन और मिनरल्स से भरपूर होता है। पतंजलि च्यवनप्राश के सेवन से होने वाले फायदे:

रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाता है

पतंजलि च्यवनप्राश का सेवन करने से रोग प्रतिरोधक क्षमता का विकास होता है। च्यवनप्राश में ऐसी घटक सामग्री का उपयोग किया गया है जिससे यह एंटीऑक्सीडेंट की तरह कार्य करता है। तथा यह शरीर को वायरल संक्रमण से बचाने में कारगर है। इसमें विटामिन और मिनरल्स भरपूर मात्रा में पाए जाते हैं। जिससे यह शरीर को स्वस्थ रखने में लाभकारी सिद्ध होता है। इस यह विटामिन सी से भरपूर होता है जो संक्रमण से बचाव करने में सहायक होता है।

पर्याप्त ऊर्जा प्रदान करने में सहायक

पतंजलि च्यवनप्राश का सेवन करने से हमारे शरीर को ऊर्जा प्राप्त होती है। पतंजलि च्यवनप्राश में ऐसी कई औषधीयों का उपयोग किया जाता है जिससे हमारे शरीर को ऊर्जा प्राप्त होती है। शरीर को पर्याप्त ऊर्जा मिलने से हम हमारे दैनिक कार्य सुगमता से करने में सक्षम हो पाते हैं तथा सर्दियों के मौसम में भी हम ऊर्जावान बने रहते हैं।

पाचन प्रणाली को मजबूत बनाने में है कारगर

पतंजलि च्यवनप्राश में पाचन को मजबूत बनाने के लिए कई जड़ी बूटियों का इस्तेमाल किया जाता है। इन जड़ी बूटियों का इस्तेमाल एक निश्चित अनुपात के अनुसार किया जाता है। जिससे हमारी पाचन प्रणाली मजबूत बनती है। इसके सेवन से पाचन प्रणाली सुचारू रूप से कार्य करने लगती है जिससे हमें पर्याप्त पोषक तत्वों के प्राप्ति होती है।

मानसिक रूप से ऊर्जावान बनाने में सहायक

च्यवनप्राश का सेवन करने से शरीर में पर्याप्त ऊर्जा का संचार होता है। जिससे व्यक्ति मानसिक रूप से भी ऊर्जावान बना रहता है तथा अपनी कार्य क्षमता बढ़ा सकता है।

वजन बढ़ाने में है कारगर

च्यवनप्राश का सेवन करने से वजन बढ़ता है। शारीरिक रूप से कमजोर व्यक्तियों द्वारा च्यवनप्राश का सेवन करना बहुत ही लाभदायक होता है। इससे उनके शरीर में ऊर्जा का संचार होता है तथा वजन बढ़ता है।

हृदय को स्वस्थ बनाए रखने में सहायक

च्यवनप्राश में उपयोग में ली जाने वाली जड़ी बूटियां एवं औषधीयां हृदय को स्वस्थ बनाए रखने में मददगार होती हैं। तो हृदय के रोगियों को द्वारा च्यवनप्राश का सेवन करना फायदेमंद होता है।

शारीरिक मजबूती प्रदान करता है

च्यवनप्राश में ऐसी कई औषधीयां इस्तेमाल की जाती हैं जिससे शरीर को मजबूती प्राप्त होती है। यह मांसपेशियों को मजबूत बनाता है तथा शरीर में ऊर्जा का संचार करता है।

श्वसन तंत्र के लिए भी है लाभदायक

श्वसन रोगियों द्वारा च्यवनप्राश का सेवन करना बहुत ही लाभ दायक है। च्यवनप्राश में कुछ ऐसी जड़ी बूटियों का समावेश किया गया है जो श्वसन तंत्र को मजबूत बनाती हैं। तथा श्वसन तंत्र में होने वाले संक्रमण को दूर करने में मददगार होती हैं। इसका सेवन फेफड़ों को मजबूत बनाता है तथा फेफड़ों में होने वाले संक्रमण को कम करने में मददगार होता है।

एंटी एजिंग है पतंजलि च्यवनप्राश

पतंजलि च्यवनप्राश का सेवन करने से शरीर की मांसपेशियां मजबूत होती हैं। तथा एंटी एजिंग प्रॉपर्टीज होने की वजह से पतंजलि च्यवनप्राश बढ़ती हुई उम्र के प्रभाव को कम करने में सहायक है।

इस प्रकार आपने जाना की पतंजलि दिव्य च्यवनप्राश का सेवन करना स्वास्थ्य की दृष्टि से बहुत ही लाभदायक होता है। सर्दियों के मौसम में इसका सेवन करना बहुत ही फायदेमंद होता है। इसका सेवन करने से रोग प्रतिरोधक क्षमता का विकास होता है तथा हम बदलते हुए मौसम से होने वाले संक्रामक बीमारियों से अपना बचाव करने में सक्षम हो सकते हैं।
 
च्यवनप्राश के बारे में पतंजलि का कथन -
च्यवनप्राश एक पारंपरिक आयुर्वेदिक हर्बल फॉर्मूलेशन है जिसका उपयोग भारत में सदियों से किया जाता रहा है। च्यवनप्राश अपने कायाकल्प, आरोग्य और प्रतिरक्षा-बढ़ाने वाले गुणों के लिए जाना जाता है जो स्वास्थ्य में समग्र सुधार लाता है।
पतंजलि स्पेशल च्यवनप्राश आंवला, घी, शहद, तिल का तेल और 35 से अधिक जड़ी-बूटियों और मसालों का एक अनूठा मिश्रण है, जिसमें बिल्व, अग्निमंथा, स्योनाका, कस्मर्या, द्राक्ष, जीवंती, उत्पला और कैंडाना शामिल हैं। इसे खास बनाने के लिए इसमें केसर मिलाया जाता है. केसर एक शक्तिशाली एंटीऑक्सीडेंट है। ऐसा माना जाता है कि यह ऊर्जा, जीवन शक्ति, दृष्टि, प्रतिरक्षा और मस्तिष्क कार्य को बढ़ावा देने में मदद करता है।

उच्चतम गुणवत्ता वाली सामग्रियों से बना, पतंजलि च्यवनप्राश ऊर्जा का एक प्राकृतिक स्रोत है और सक्रिय जीवनशैली जीने वालों के लिए एक आदर्श पूरक है। पतंजलि च्यवनप्राश अत्यधिक कुशल विनिर्माण प्रक्रियाओं का उपयोग करके बनाया गया है, यह दूषित पदार्थों से मुक्त है, और गुणवत्ता और शुद्धता के उच्चतम मानकों को पूरा करता है।

यदि आप अपनी प्रतिरक्षा प्रणाली को बढ़ावा देने और अपने समग्र स्वास्थ्य में सुधार करने के लिए एक प्राकृतिक तरीका ढूंढ रहे हैं, तो पतंजलि च्यवनप्राश आपके लिए एकदम सही पूरक है। 
पतंजलि के अनुसार यह चव्यनप्राश निम्न प्रकार से गुणकारी है -
  • रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाता है
  • पाचन में सुधार लाता है
  • हृदय रोगों के जोखिम को कम करता है
  • कामेच्छा और प्रजनन क्षमता को बढ़ाता है
  • मांसपेशियों को मजबूत बनाएं
  • त्वचा को पोषण देता है
  • श्वसन तंत्र को स्वस्थ रखें
  • उम्र बढ़ने की प्रक्रिया को धीमा कर देता है
  • संज्ञानात्मक क्षमता में सुधार करता है
Each 100 grams of the preparation contains the following components:
  • Sugar (Saccharum officinarum, Stem, Crystal): 55.54g.
  • Amla Hara (Emblica officinalis, Fruit, Semi-Solid): 41.65g.
  • Ghrit (Liquid): 4.86g.
  • Keshar (Crocus sativus, Stamen, Stamen): 0.09g.
  • D. M. Water Q.S.
Extract derived from the following:
  • Bel Chaal (Aegle marmelos, Bark, Coarse Powder): 0.35g.
  • Arni Mool (Premna integrifolia, Root, Coarse Powder): 0.35g.
  • Shoyank Chaal (Oroxylum indicum, Bark, Coarse Powder): 0.35g.
  • Gambhari Chaal (Gmelina arborea, Bark, Coarse Powder): 0.35g.
  • Padal Chaal (Stereospermum suaveolens, Bark, Coarse Powder): 0.35g.
  • Mugdhpami (Phaseolus trilobus, Whole Plant, Semi-Solid): 0.35g.
  • Massparni (Teramnus labialis, Whole Plant, Coarse Powder): 0.35g.
  • Shalpari (Desmodium gangelicum, Whole Plant, Coarse Powder): 0.35g.
  • Prishniparni (Uraria picta, Whole Plant, Coarse Powder): 0.35g.
  • Pippali (Piper longum, Fruit, Coarse Powder): 0.35g.
  • Gokhru Panchang (Tribulus terrestris, Whole Plant, Coarse Powder): 0.35g.
  • Kateli Badi (Solanum indicum, Whole Plant, Coarse Powder): 0.35g.
  • Kateli Choti (Solanum surattense, Whole Plant, Coarse Powder): 0.35g.
  • Kakda Shingi (Pistacia integerrima, Dried Gall, Coarse Powder): 0.35g.
  • Bhoomi Amla (Phyllanthus niruri, Whole Plant, Coarse Powder): 0.35g.
  • Draksha (Vitis vinifera, Fruit, Coarse Powder): 0.35g.
  • Jeevanti (Leptadenia reticulata, Seed, Coarse Powder): 0.35g.
  • Pushkar Mool (Inula racemosa, Root, Sarse Powder): 0.35g.
  • Agar (Aquilaria agallocha, Dried Wood, Coarse Powder): 0.35g.
  • Giloy (Tinospora cordifolia, Stem, Coarse Powder): 0.35g.
  • Harad (Terminalia chebula, Fruit, Coarse Powder): 0.35g.
  • Bala Panchang/Khereti (Sida cordifolia, Whole Plant, Coarse Powder): 0.35g.
  • Ridhi (Habenaria intermedia, Root, Coarse Powder): 0.35g.
  • Vridhi (Habeneria acuminate, Root, Coarse Powder): 0.35g.
  • Jeevak (Malaxis acuminate, Rhizome, Coarse Powder): 0.35g.
  • Rishbhak (Malaxis muscifera, Rhizome, Coarse Powder): 0.35g.
  • Kachur (Curcuma zedoaria, Rhizome, Coarse Powder): 0.35g.
  • Nagar Motha (Cyperus rotundus, Root, Coarse Powder): 0.35g.
  • Punamava (Boerhaavia diffusa, Whole Plant, Coarse Powder): 0.35g.
  • Meda (Polygonum tumcirrhifolium, Rhizome, Coarse Powder): 0.35g.
  • Maha Meda (Polygonum tumverticillatum, Rhizome, Coarse Powder): 0.35g.
  • Elaichi Choti (Elettaria cardamomum, Fruit, Coarse Powder): 0.35g.
  • Kamal Phool (Nelumbo nucifera, Flower, Coarse Powder): 0.35g.
  • Safed Chandan (Santalum album, Hard Wood, Coarse Powder): 0.35g.
  • Vidharikand (Pueraria tuberosa, Tuberus Root, Coarse Powder): 0.35g.
  • Adusa (Adhatoda vasica, Whole Plant, Coarse Powder): 0.35g.
  • Kakoli (Roscoea alpine, Rhizome, Coarse Powder): 0.35g.
  • Sheerkakoli (Lillium pohyphyllum, Bulb, Coarse Powder): 0.35g.
  • Kagnasha (Martynia diandra, Fruit, Coarse Powder): 0.35g.
Prakshep Dravya derived from the following:
  • 45. Pippali (Piper longum, Fruit, Powder): 0.69g.
  • Dal Chini (Cinnamomum zeylanicum, Bark, Powder): 0.02g.
  • Elayachi Choti (Elettaria cardamomum, Fruit, Powder): 0.02g.
  • Tej Patta (Cinnamomum tamala, Leaf, Powder): 0.02g.
  • Nagkesar (Mesua ferrea, Powder): 0.02g.
  • Clove (Syzygium aromaticum, Fruit, Powder): 0.17g.
  • Banshlochan (Bambusa arundinacea, Internal secretion, Powder): 0.56g.
  • Shukti Bhasma (Powder): 0.56g.
  • Abhrak Bhasma (Powder): 0.69g.
  • Smga Bhasma (Powder): 0.69g.
  • Makardwa) (Powder): 0.17g.
  • Chaandi vark: 0.02g.
पतंजलि च्यवनप्राश का उपयोग कैसे करें
  • सुबह और शाम एक कप गुनगुने दूध के साथ या चिकित्सक के निर्देशानुसार। वयस्क : 1-2 चम्मच।
  • 6 साल से ऊपर के बच्चे: 1 चम्मच। 
अधिक जानकारी के लिए आप पतंजलि आयुर्वेद की अधिकृत वेबसाइट पर विजिट करें
https://www.patanjaliayurved.net/product/natural-health-care/chyawanprash/patanjali-special-chyawanprash/708
The author of this blog, Saroj Jangir (Admin), is a distinguished expert in the field of Ayurvedic Granths. She has a diploma in Naturopathy and Yogic Sciences. This blog post, penned by me, shares insights based on ancient Ayurvedic texts such as Charak Samhita, Bhav Prakash Nighantu, and Ras Tantra Sar Samhita. Drawing from an in-depth study and knowledge of these scriptures, Saroj Jangir has presented Ayurvedic Knowledge and lifestyle recommendations in a simple and effective manner. Her aim is to guide readers towards a healthy life and to highlight the significance of natural remedies in Ayurveda.
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