दृष्टि हम पे दया की मां डालो दुर्गा भजन

दृष्टि हम पे दया की मां डालो भजन

 
दृष्टि हम पे दया की मां डालो भजन

दृष्टि हम पे दया की मां डालो,
बडी संकट की आई घड़ी है,
द्वार पर तेरे हम भी खड़े है,
आंखों में आंसुओं कि झड़ी है।

निर्बल का सहारा यही है,
रास्ता दुसरा ना कहीं है,
तेरा दर्श अगर तू दिखा दे,
टूट जाये गमों की लड़ी है।

सारे भक्तों को तुमने है तारा,
वास्ता तुमसे भी है हमारा,
तार दे मां तेरे बालकों को,
हम पर विपदा ही ऐसी पड़ी है।

फरियादों की झोली अड़ी है,
फतह करने को मां तू खड़ी है,
ये शिवाजी को आशिष दे कर,
धन्य करदे तू सबसे बड़ी है।

जब वह सबसे बड़ी मुसीबत के समय दया और संबल की आस लिए प्रभु के द्वार पर खड़ा होता है। उसकी दृष्टि में दया की एक माँ की तरह करुणा और छाया की अपेक्षा होती है, जो उस संकट की कड़ी घड़ी में उसको राहत दे सके। उस आंखों में आंसुओं की झड़ी इस बात का प्रतीक है कि मन विपदा से परिपूर्ण है और शब्दों के बिना भी उसकी अंतर्मुखी पुकार स्पष्ट हो रही है।

⭐Song:- Drashti Hum Par Daya Ki
⭐Singer:- Shivaji Patil
⭐Lyrics:- Salagram Patil, Shivaji Patil
⭐Producer:- Salagram Patil
⭐Music:- Krishna Pawar
⭐Mix/ Master:- Himanshu Jain 
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