श्रीरामचरितमानस मंगलकारी है
श्रीरामचरितमानस मंगलकारी है,
ये तुलसीकृत रामायण भव भयहारी है,
श्रीरामचरितमानस मंगलकारी है।
सब से निराला सबसे सुंदर,
सर्वोपरी सर्वोच्च,
सर्व स्वाभाविक शैली है,
रोचक शब्द प्रयोग,
चंद चोपाई दोहा,
सोरठा की फुलवारी है,
श्रीरामचरितमानस मंगलकारी है।
इक इक चोपाई है ऐसी,
जैसे अलोकिक मन्त्र,
लोक तो क्या परलोक सुधारे,
होता जीव स्वतंत्र,
राम के संग में सिया लखन की,
शोभा न्यारी है,
श्रीरामचरितमानस मंगलकारी है।
पितृ धर्म वा मातृ धर्म और,
भातृ धर्म पति धर्मो,
राज धर्म वा गृहस्थ धर्म,
सदा चरण सत करमा,
भगती ज्ञान वैराग त्याग की,
सरिता न्यारी है,
श्रीरामचरितमानस मंगलकारी है।
तुलसीदास ने राम से,
अद्भुत ग्रन्थ रचाया,
जिस पर सत्यम शिवम् सुन्दरम,
शंकर जी ने लिखा,
रामनयन का दर्शन पाठक,
अति मनुहारी है,
श्रीरामचरितमानस मंगलकारी है।
रामचरितमानस एही नामा,
सुनत श्रवण पाये विश्रामा,
राम चरित मानस मुनि भावन,
द्रिजुय शम्भू सुहावन पावन।
ताते राम चतिर मानस पर,
धरहु नाम ही धेरी हरि हर,
शम्भु परसाद सुमित ही हुल सी,
राम चतिर मानस कभी तुलसी,
जन मानस जही विधि भयो रामा,
जग परचार जही हेत सिया राम,
अब सोई काह हु परसंग सब रामा,
सुमीर उमा बिरश केतु सिया रामा,
श्रीरामचरितमानस मंगलकारी है।
Shri Ram Charitmanas Mangal Kari Hai - Durgesh Beohar Darshan | Ram Bhajan | Sanskar Bhajan
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