यदी मैं मनुष्य और स्वर्गदूतों की लिरिक्स Yadi Main Manushya Lyrics

यदी मैं मनुष्य और स्वर्गदूतों की लिरिक्स Yadi Main Manushya Lyrics


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यदी मैं मनुष्य और स्वर्गदूतों की
बोली बोलू और प्रेम ना रखु
तो मैं ठन ठानाता हुआ पीतल
और झन झानाती हुई झांज हूं

यदि मैं भविष्यवाणी कर सकु
सब भेदों सब ज्ञान को समजू
और मुझे यहां तक पूरा विश्वास हो
की मैं पहाड़ों को हटा दूं
परन्तु प्रेम ना रखू तो मैं कुछ भी नहीं

यदी मैं अपनी संपूर्ण संपत्ति कंगालों को खिला दूं
या अपनी देह जलाने के लिए दे दूं
और प्रेम ना रखु तो मुझे कुछ भी लाभ नहीं

प्रेम धीरजवंत है,
प्रेम कृपालु है
प्रेम डाह नहीं करता
प्रेम अपनी बढ़ाई करता नहीं है
प्रेम फुलता नहीं

वो अनरीती नहीं चलता,
अपनी भलाई नहीं चहता
झुंझलाता नहीं,
प्रेम बुरा नहीं मानता,
कुकर्म से खुश ना होता
पर सच्चाई से आनंदित होता है

वो सब बातें सह लेता है,सब बातों की प्रतीति करता है
सब बातों की आशा रखता है,सब बातों में धीरज धरता है

प्रेम प्रेम……..
कभी नहीं, कभी नहीं,
प्रेम कभी नहीं टलता
कभी नहीं, कभी नहीं,
प्रेम कभी नहीं टलता
कभी नहीं, कभी नहीं,
प्रेम कभी नहीं टलता

1 कुरिन्थियों:13
पर अब विश्वास, आशा और प्रेम
ये तीनो स्थाई है पर इनमें सबसे बड़ा प्रेम है

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