अमृत की बरसे बदरिया भजन
अमृत की बरसे बदरिया भजन
अमृत की बरसे बदरिया,
अम्बे मां की दुअरिया,
अमृत की बरसे बदरिया,
ओए मेरी मां की दुअरिया,
अमृत की बरसे बदरिया।
दातुर मोर पपीहा बोले,
पपीहा बोले पपीहा बोले,
दातुर मोर पपीहा बोले,
कूके काली कोयलिया,
ओए मेरी मां की दुअरिया,
अमृत की बरसे बदरिया।
शीश मुकुट कानों में कुण्डल,
सोहवे लाल चुनरिया,
ओए मेरी मां की दुअरिया,
अमृत की बरसे बदरिया।
माथे की बिन्दिया चमचम चमके,
चमचम चमके चमचम चमके,
माथे की बिन्दिया चमचम चमके,
जैसे गगन में बिजुरिया,
ओए मेरी मां की दुअरिया,
अमृत की बरसे बदरिया।
सूरज चन्दा आरती उतारे,
पवन बुहारे डगरिया,
ओए मेरी मां की दुअरिया,
अमृत की बरसे बदरिया।
ब्रह्मा विष्णु शंकर नाचे,
शंकर नाचे भोला नाचे,
ब्रह्मा विष्णु शंकर नाचे,
मोहन बजाए बांसुरिया,
ओए मेरी मां की दुअरिया,
अमृत की बरसे बदरिया।
ओए प्रेम से बोलो जय माता दी,
ओए सारे बोलो जय माता दी,
ओए आते बोलो जय माता दी,
ओए जाते बोलो जय माता दी,
ओए कष्ट निवारे जय माता दी,
माँ पार उतारे जय माता दी,
मेरी माँ भोली जय माता दी,
भर देती झोली जय माता दी,
माँ जोड़े दर्पण जय माता दी,
माँ दे के दर्शन जय माता दी,
ओ जय माता दी जय माता दी,
ओ जय माता दी जय माता दी,
जयकारा मां शेरांवाली दा,
बोल सच्चे दरबार की जय।
अम्बे मां की दुअरिया,
अमृत की बरसे बदरिया,
ओए मेरी मां की दुअरिया,
अमृत की बरसे बदरिया।
दातुर मोर पपीहा बोले,
पपीहा बोले पपीहा बोले,
दातुर मोर पपीहा बोले,
कूके काली कोयलिया,
ओए मेरी मां की दुअरिया,
अमृत की बरसे बदरिया।
शीश मुकुट कानों में कुण्डल,
सोहवे लाल चुनरिया,
ओए मेरी मां की दुअरिया,
अमृत की बरसे बदरिया।
माथे की बिन्दिया चमचम चमके,
चमचम चमके चमचम चमके,
माथे की बिन्दिया चमचम चमके,
जैसे गगन में बिजुरिया,
ओए मेरी मां की दुअरिया,
अमृत की बरसे बदरिया।
सूरज चन्दा आरती उतारे,
पवन बुहारे डगरिया,
ओए मेरी मां की दुअरिया,
अमृत की बरसे बदरिया।
ब्रह्मा विष्णु शंकर नाचे,
शंकर नाचे भोला नाचे,
ब्रह्मा विष्णु शंकर नाचे,
मोहन बजाए बांसुरिया,
ओए मेरी मां की दुअरिया,
अमृत की बरसे बदरिया।
ओए प्रेम से बोलो जय माता दी,
ओए सारे बोलो जय माता दी,
ओए आते बोलो जय माता दी,
ओए जाते बोलो जय माता दी,
ओए कष्ट निवारे जय माता दी,
माँ पार उतारे जय माता दी,
मेरी माँ भोली जय माता दी,
भर देती झोली जय माता दी,
माँ जोड़े दर्पण जय माता दी,
माँ दे के दर्शन जय माता दी,
ओ जय माता दी जय माता दी,
ओ जय माता दी जय माता दी,
जयकारा मां शेरांवाली दा,
बोल सच्चे दरबार की जय।
Amrit Ki Barse Badariya By Lakhbir Singh Lakkha [Full Song] I Pyara Saja Hai Tera Dwar Bhawani
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Bhajan: Amrit Ki Barse Badariya
Album: Pyara Saja Hai Tera Dwar Bhawani
Singer: Lakhbir Singh Lakkha
Music Director: Surinder Kohli
Lyricist: Guru Ji Ram Lal Sharma | Saral Kavi | Santosh Singh
Music Label: T-Series
“अमृत की बरसे बदरिया” कोई साधारण उपमा नहीं, यह उस क्षण का संकेत है जब माँ की कृपा वर्षा बनकर धरती पर उतरती है। हर झोंका, हर गंध, हर स्वर में देवी की उपस्थिति महसूस होती है। जैसे ही माँ की द्वारिया सजती है, पपीहा बोल उठता है, मोर नाचने लगते हैं, और कोयल की कूक भी आज कोई संदेश देती हुई लगती है — कि आज अम्बे चलकर आ रही हैं। यह दृश्य केवल प्राकृतिक सौंदर्य नहीं, बल्कि ब्रह्मांड की चेतना का उत्सव है जहाँ राग, रंग, प्रकाश, सब मिलकर माँ की महिमा का गीत बन जाते हैं।
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