प्यारा प्यारा सिंगाजी हमारा भजन
प्यारा प्यारा सिंगाजी हमारा भजन
॥ जय सिंगाजी महाराज ॥
प्यारा प्यारा सिंगाजी हमारा,
भगत सब सारा गुण गावें बारंबार रे।
महिमा सिंगाजी की अपरंपार रे।।
सिंगाजी तुम्हारा पिता भीमाजी,
मां गवरा थारी, मां गवरा।
सिंगाजी तुम्हारा भाई लिंबाजी,
मां गवरा थारी, मां गवरा।
तू अवतारी, छे तपधारी,
तू अवतारी, छे तपधारी, भक्ति की बलिहारी।
तीन ताप करी दीजो माफ, भक्तों का पाप,
कर दीजो छारछार रे।
महिमा सिंगाजी की अपरंपार रे।।
लाई ली सिंगाजी ने जिंदी समाधि,
पिपलिया में सिंगा, पिपलिया में।
मेले की महिमा सिंगा लगा दी,
पिपलिया में सिंगा, पिपलिया में।
जात्रा प्यारी, कई नर-नारी,
जात्रा प्यारी, कई नर-नारी, भक्ति कर तुम्हारी।
निशान लावें, मंदिर पे चढ़ावें, ध्वजा लहरावें,
होय दुविधा तारंतार रे।
महिमा सिंगाजी की अपरंपार रे।।
गवलई जात छे विख्यात थारी,
निमाड़ में सिंगा, निमाड़ में।
गोसेवा छे छायल तुम्हारी,
निमाड़ में सिंगा, निमाड़ में।
महिमा थारी, लग रे भारी,
महिमा थारी, लग रे भारी, सुन ले अरज हमारी।
सर झुकावें, भगत गुण गावें, शिवशंकर लिख दरसावें,
शब्दों का हारमाल रे।
महिमा सिंगाजी की अपरंपार रे।।
प्यारा प्यारा सिंगाजी हमारा,
भगत सब सारा गुण गावें बारंबार रे।
महिमा सिंगाजी की अपरंपार रे।।
प्यारा प्यारा सिंगाजी हमारा,
भगत सब सारा गुण गावें बारंबार रे।
महिमा सिंगाजी की अपरंपार रे।।
सिंगाजी तुम्हारा पिता भीमाजी,
मां गवरा थारी, मां गवरा।
सिंगाजी तुम्हारा भाई लिंबाजी,
मां गवरा थारी, मां गवरा।
तू अवतारी, छे तपधारी,
तू अवतारी, छे तपधारी, भक्ति की बलिहारी।
तीन ताप करी दीजो माफ, भक्तों का पाप,
कर दीजो छारछार रे।
महिमा सिंगाजी की अपरंपार रे।।
लाई ली सिंगाजी ने जिंदी समाधि,
पिपलिया में सिंगा, पिपलिया में।
मेले की महिमा सिंगा लगा दी,
पिपलिया में सिंगा, पिपलिया में।
जात्रा प्यारी, कई नर-नारी,
जात्रा प्यारी, कई नर-नारी, भक्ति कर तुम्हारी।
निशान लावें, मंदिर पे चढ़ावें, ध्वजा लहरावें,
होय दुविधा तारंतार रे।
महिमा सिंगाजी की अपरंपार रे।।
गवलई जात छे विख्यात थारी,
निमाड़ में सिंगा, निमाड़ में।
गोसेवा छे छायल तुम्हारी,
निमाड़ में सिंगा, निमाड़ में।
महिमा थारी, लग रे भारी,
महिमा थारी, लग रे भारी, सुन ले अरज हमारी।
सर झुकावें, भगत गुण गावें, शिवशंकर लिख दरसावें,
शब्दों का हारमाल रे।
महिमा सिंगाजी की अपरंपार रे।।
प्यारा प्यारा सिंगाजी हमारा,
भगत सब सारा गुण गावें बारंबार रे।
महिमा सिंगाजी की अपरंपार रे।।
सिंगाजी हमारा | Singaji Hamara | सिंगाजी निमाड़ी भजन | Gupta brothers Bhajan
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Admin - Saroj Jangir
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