तू जितनी भी चाहे दौलत कमा ले
तू जितनी भी चाहे दौलत कमा ले
तू जितनी भी चाहे दौलत कमा ले,
मां~बाप से बढ़कर कोई धन नहीं है।।
बचपन से जिसने चलना सिखाया,
पढ़ा के, लिखा के काबिल बनाया,
वो बूढ़े हुए, जो अकेले हुए,
उन्हें साथ रखने का तेरा मन नहीं है।।
जन्म के तुझे है जिस मां ने पाला,
बड़ा होके उसका तू छीने निवाला,
रखा कोख में था नौ माह जिसने,
उसी मां को रखने का तेरा मन नहीं है।।
तू जितनी भी चाहे दौलत कमा ले,
मां~बाप से बढ़कर कोई धन नहीं है।।
मां~बाप से बढ़कर कोई धन नहीं है।।
बचपन से जिसने चलना सिखाया,
पढ़ा के, लिखा के काबिल बनाया,
वो बूढ़े हुए, जो अकेले हुए,
उन्हें साथ रखने का तेरा मन नहीं है।।
जन्म के तुझे है जिस मां ने पाला,
बड़ा होके उसका तू छीने निवाला,
रखा कोख में था नौ माह जिसने,
उसी मां को रखने का तेरा मन नहीं है।।
तू जितनी भी चाहे दौलत कमा ले,
मां~बाप से बढ़कर कोई धन नहीं है।।
😢सुन कर रो पड़ोगे ये भजन- तू जितनी भी चाहे दौलत कमा ले माँ बाप से बढकर कोई धन नहीं है।। #sadsong 😢😢
ऐसे ही अन्य भजनों के लिए आप होम पेज / गायक कलाकार के अनुसार भजनों को ढूंढें.
पसंदीदा गायकों के भजन खोजने के लिए यहाँ क्लिक करें।
यह मधुर भजन भी देखिये-
ऐसे ही अन्य भजनों के लिए आप होम पेज / गायक कलाकार के अनुसार भजनों को ढूंढें.
पसंदीदा गायकों के भजन खोजने के लिए यहाँ क्लिक करें।
|
Admin - Saroj Jangir
इस ब्लॉग पर आप पायेंगे मधुर और सुन्दर, आध्यात्मिक भजन, गुरु भजन, सतगुरु भजन का संग्रह। इस ब्लॉग का उद्देश्य आपको सुन्दर भजनों के बोल उपलब्ध करवाना है। आप इस ब्लॉग पर अपने पसंद के गायक और भजन केटेगरी के भजन खोज सकते हैं....अधिक पढ़ें। |
