मत बुरे कर्म कर बंदे वरना पछतायेगा

मत बुरे कर्म कर बंदे वरना पछतायेगा

मत बुरे कर्म कर बंदे, वरना पछताएगा।
भगवान की नज़र से, ना बच पाएगा।
अरे ओ प्राणी, मत कर नादानी।।

जब जाएगा तू बंदे, यम के दरबार में।
ना बने हिमायती तेरा, कोई संसार में।
ये कुटुंब कबीला तेरा, ना तुझे बचाएगा।।

जिसके लिये करता है, तू छल और बेईमानी।
कोई नहीं है तेरा, ये बात न पहचानी।
अपने कर्मों का फल तू, खुद ही पाएगा।।


मत बुरे करम कर बन्दे | Mat Bure Karam Kar Bande

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Saroj Jangir Author Admin - Saroj Jangir

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