माँ नर्मदे तट पर तेरे मैं ध्यान
माँ नर्मदे तट पर तेरे मैं ध्यान जो लगाऊं,
जीवन का सार पाऊं जग को मैं भूल जाऊं,
माँ नर्मदे तट पर तेरे मैं ध्यान जो लगाऊं।
तेरी लहरों की गूंजे चंचलता,
दिल की धड़कन में आ समायेगी,
मेरी हर सांस की वो ताल मधुर,
तेरे गुणगान गाये जायेगी,
बार बार आऊं गुणगान तेरा गाऊं,
चरणों में सर झुकाऊं,
माँ नर्मदे तट पर तेरे,
मैं ध्यान जो लगाऊं।
तेरे आँचल की रज को छूने से,
मिलता दिल को बड़ा सुकून मुझे,
पाप के बोझ से मलिन मन को,
करती पावन सदा पुनीत मुझे,
गोदी में तेरी सदा खेलु माँ मैं नर्मदा,
धारा के संग गाऊं,
माँ नर्मदे तट पर तेरे,
मैं ध्यान जो लगाऊं।
तुमने लाखों को माँ वरदान दिये,
सबकी बिगड़ी को माँ संवारा है,
जो भी तेरी शरण चला आया,
झोली भर के ही फिर वो आया है,
डुबकी लगाएं पावन जल से नहाएं,
मधुर तेरे जस गाये,
माँ नर्मदे तट पर तेरे,
मैं ध्यान जो लगाऊं।
माँ नर्मदा के तट पर | Maa Narmada Ke Tatt Par | Madhur Sharma | Har Har Narmade
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