मैं श्वेत वीरानी रंग श्यामल नूरानी हो गई भजन लिरिक्स
मैं श्वेत वीरानी रंग,
श्यामल नूरानी हो गई,
तेरे रूह छुअन से मैं कान्हा,
ये बावली दीवानी हो गई।
जग हरजाई सब प्रीत न मानी,
पिया बैरी माने मोरे इसे जग हंसाई,
किसको सुनाऊं पीर विरह जताऊं,
मूँदे जब अंखियन तुझको ही पाऊं,
सब राजपाट छोड़,
तेरे प्रीत में बैरागी हो गयी,
तेरे रूह छुअन से मैं कान्हा,
ये बावली दीवानी हो गयी।
गोपी थी मैं पिछले जनम में गोविंद,
रही जो अधूरी अगन उसको है बुझानी,
रचा है ये कैसा जुलुम रे कान्हा,
पिया को भी देखूं जब तुझको ही पाऊं,
बालमन में मान स्वामी,
तेरे लगन में जोगी हो गयी,
तेरे रूह छुअन से मैं कान्हा,
ये बावली दीवानी हो गयी।
तुझको पहन के अंग अंग साजे,
धड़कन भी देखो मेरा धुन मुरली बाजे,
रस ये लगन का रग रग समा है,
नृत्य से बालम मेरा पांव न थमा है,
मान औषधि मैं कान्हा तुमको,
दरश की रोगी हो गयी,
तेरे रूह छुअन से मैं कान्हा,
ये बावली दीवानी हो गयी।
मैं श्वेत वीरानी रंग,
श्यामल नूरानी हो गई,
तेरे रूह छुअन से मैं कान्हा,
ये बावली दीवानी हो गई।
मीरा दीवानी हो गई || मीरा भजन || रूपेश चौधरी || रिशव शाण्डिल्य
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Author - Saroj Jangir
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