म्हारो भोलो है बम लेहरी लहर लहर लहरावे
म्हारो भोलो है बम लेहरी लहर लहर लहरावे
म्हारो भोलो है बम लहर,
लहर लहर लहरावे,
पर्वता भांग घोटे,
भर-भर लोटा घटकावे,
शिव शम्भू है बम लहर,
ओ लहर लहर लहरावो।।
म्हारो भोलो मस्त मगन में,
कोई भांग री मस्ती छावे,
कोई भांग री मस्ती छावे,
म्हारो भोलो है बम लहर,
लहर लहर लहरावे।।
भोलो डम-डम डमरू बजावें,
सिर सू गंगा बरसावें,
गले नाग लपेटा लेवें,
भोलो भूत-डाकणिया नसावें,
म्हारो भोलो है बम लहर,
लहर लहर लहरावे।।
सावन रो महिनो आयो,
कैलाशो उत्सव छावे,
सब देवी-देवता धायावें,
सब ऋषि-मुनि ध्यान लगावें,
म्हारो भोलो है बम लहर,
लहर लहर लहरावे।।
ओ भजन लालसिंह लिखियो,
शिव शंकर ने मानावें,
ओ जाजवा रो वासी,
ओ मेघा बालाच गावें,
म्हारो भोलो है बम लहर,
लहर लहर लहरावे।।
म्हारो भोलो है बम लहर,
लहर लहर लहरावे,
पर्वता भांग घोटे,
भर-भर लोटा घटकावे,
शिव शम्भू है बम लहर,
ओ लहर लहर लहरावो।।
लहर लहर लहरावे,
पर्वता भांग घोटे,
भर-भर लोटा घटकावे,
शिव शम्भू है बम लहर,
ओ लहर लहर लहरावो।।
म्हारो भोलो मस्त मगन में,
कोई भांग री मस्ती छावे,
कोई भांग री मस्ती छावे,
म्हारो भोलो है बम लहर,
लहर लहर लहरावे।।
भोलो डम-डम डमरू बजावें,
सिर सू गंगा बरसावें,
गले नाग लपेटा लेवें,
भोलो भूत-डाकणिया नसावें,
म्हारो भोलो है बम लहर,
लहर लहर लहरावे।।
सावन रो महिनो आयो,
कैलाशो उत्सव छावे,
सब देवी-देवता धायावें,
सब ऋषि-मुनि ध्यान लगावें,
म्हारो भोलो है बम लहर,
लहर लहर लहरावे।।
ओ भजन लालसिंह लिखियो,
शिव शंकर ने मानावें,
ओ जाजवा रो वासी,
ओ मेघा बालाच गावें,
म्हारो भोलो है बम लहर,
लहर लहर लहरावे।।
म्हारो भोलो है बम लहर,
लहर लहर लहरावे,
पर्वता भांग घोटे,
भर-भर लोटा घटकावे,
शिव शम्भू है बम लहर,
ओ लहर लहर लहरावो।।
म्हारो भोलो है बम्ब लेहरी भजन ll सिंगर मेघा बालाच जाजवा mharo bholo hai bamb lehri bhajan
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सुन्दर भजन भगवान शिव, जिन्हें भोलेनाथ और शंभू के नाम से भी जाना जाता है, की महिमा और उनके मस्तमौला स्वरूप को समर्पित है। "म्हारो भोलो है बम लहर, लहर लहर लहरावे" राजस्थानी लोक शैली में रचित यह भजन शिव की भांग से मस्ती, डमरू की ध्वनि, गंगा की धारा, और गले में लिपटे नाग के प्रतीकों के माध्यम से उनकी दिव्यता और आनंदमय प्रकृति को चित्रित करता है। भजन में सावन मास के उत्सव का वर्णन है, जब कैलाश पर्वत पर देवी-देवता और ऋषि-मुनि शिव की भक्ति में लीन होकर ध्यान लगाते हैं। भजन लालसिंह द्वारा रचित है और जाजवा (राजस्थान) के मेघा बालाच द्वारा गाया गया है, जो शिव भक्तों के बीच लोकप्रिय है। यह भजन भोलेनाथ की भक्ति में डूबने और उनके प्रति समर्पण की भावना को प्रेरित करता है।
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Admin - Saroj Jangir
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