माटी कहे कुम्हार से तू क्या रोंदे मोहे लिरिक्स Mati Kahe Kumhar Se Bhajan Lyrics

माटी कहे कुम्हार से तू क्या रोंदे मोहे लिरिक्स Mati Kahe Kumhar Se Bhajan Lyrics


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माटी कहे कुम्हार से तू क्या रोंदे मोहे,
एक दिन ऐसा आयेगा मैं रोंदूगी तोहे।

आये हैं तो जायेंगे राजा रंक फकीर,
एक सिंहासन चढी चले एक बंदे जंजीर।

दुर्बल को ना सतायिये जाकी मोटी हाय,
बिना जीभ के स्वास से लोह भस्म हो जाए।

चलती चक्की देख के दिया कबीर रोये,
दो पाटन के बीच में बाकी बचा ना कोई।

दुःख में सुमिरन सब करे सुख में करे ना कोई,
जो सुख में सुनिरण करे दुःख कहे को होए।

पत्ता टूटा डाल से ले गयी पवन उड़ाय,
अबके बिछड़े कब मिलेंगे दूर पड़ेंगे जाय।

कबीर आप ठगायिये और ना ठगिये,
आप ठगे सुख उपजे और ठगे दुःख होए।


Maati Kahe Kumhar Se - Savitri Savneri


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