नीले आकाश पे रहने वाले लिरिक्स
नीले आकाश पे रहने वाले,
अपनी छाया में हमको छिपा ले,
हम खिलोनों के बस में ही क्या है,
जैसे मर्जी है तेरी नचाले।
सुख पे झपटा है दुःख का अँधेरा,
आज बदीयों ने नेकी को घेरा,
फूल कांटो ने घायल किए हैं,
बुझ गए आस के सब दीए हैं।
सुनले जग के मसीहा निराले,
अपने बन्दों को गम से छुड़ा ले,
हम खिलोनों के बस में ही क्या है,
जैसे मर्जी है तेरी नचाले।
दम फरिश्तों का अब घुट रहा है,
बेकसूरों का ही घर लुट रहा है,
डर के छुरियों पे चलना पड़ा है,
हम को बेमौत मरना पड़ा है।
दस्ते जुल्फों के हैं नाग काले,
आजा अब तो जरा रहम खाले,
हम खिलोनों के बस में ही क्या है,
जैसे मर्जी है तेरी नचाले।
नीले आकाश पे ने वाले अपनी छाया में हमको छुपा ले
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