ओटमील के फायदे Oatmeal Surprising Benefits
अच्छे स्वास्थ्य के लिए केवल पौष्टिक भोजन ही पर्याप्त नहीं होता है, इसके लिए हमें कई बातों का ध्यान रखना होता है यथा, उचित एंव समय पर आहार, व्यसन मुक्ति, आहार विहार पर विशेष ध्यान देना, व्यायाम और मानसिक स्वास्थ्य का समुचित ध्यान देना आदि। इस पोस्ट में हम जानेंगे की कैसे हम अपने भोजन में ओटमील को शामिल करके इसके फायदे प्राप्त कर सकें।
ओटमील क्या है?
एवेना सैटिवा या ओट्स एक पोषक और पसंदीदा नाश्ता है। यह गेहूं की तरह दिखाई देता है और इसे जौ/जई भी कहते हैं। जई एक तरह की दलहन होती है जिसका साइंटिफिक नाम ऐवना सटाइवा (Avena sativa) है और यह पोएसी (Poaceae) परिवार से सम्बन्ध रखता है। इसे दलीय जैसा बनाकर इसे नाश्ते में उपयोग में लिया जाता है। वर्तमान में ओटमील को नाश्ते में शामिल करने का चलन बढ़ा है जो एक अच्छी बात है। इसके गुणों के कारण ही इसे सुपरफूड भी कहते हैं। यह सेहत की जरूरतों को पूरा करता है और पौष्टिक भी है। ओटमील फाइबर, विटामिन-ई, फैटी एसिड्स और दूसरे तरह के पोषक तत्वों से भरपूर होता है। दिन की शुरुआत जई के नाश्ते से की जाए तो इससे बेहतर कुछ नहीं होता है, आइये जान लेते हैं की ओट्समील के क्या फायदे होते हैं।ओट्समील के फायदे Benefits of Oats in Hindi
ओट्स न सिर्फ पेट के लिए अच्छा है बल्कि कई पोषक तत्वों से भरपूर है और यही कारण है की इसे सुपरफूड भी कहते हैं। इसके नाश्ते से आपका पेट भरा भरा सा रहता है और अधिक खाने की इच्छा नहीं होती है। ओट्स श्वसन तंत्र के इन्फेक्शन से लड़ने में मदद करते हैं और शोध में पाया गया है कि जो बच्चे पहले से ओट्स खाना शुरू करते हैं, वे बचपन के अस्थमा से सुरक्षित रहते हैं।आइये इसे आहार में शामिल करने से होने वाले लाभ/फायदों के विषय में विस्तार से जान लेते हैं।
कब्ज़ को दूर कर पाचन को दुरुस्त करने में लाभकारी
ओट्समील के सेवन से कब्ज दूर होता है और पाचन में भी सुधार होता है। यह सुपाच्य है जिससे यह कब्ज को दूर करता है। ओट्स सोल्यूबल और इनसोल्यूबल फाइबर का उच्च स्त्रोत है जो मल त्याग को सुगम बनाता है। इस विषय पर एक रिसर्च में यह पाया गया है की ओट्समील में पाए जाने वाले फाइबर से पाचन में सुधार होता है। ओट्स को भोजन में शामिल करें जिससे सुबह पेट ठीक से साफ़ हो जाता है और आप अपने दिन की शुरआत नई ऊर्जा के साथ करते हैं। (1)मधुमेह के लिए लाभकारी है ओट्समील Oatmeal is beneficial for diabetes
मधुमेह रोग में हमें अपने खान पान का विशेष ध्यान रखना होता है। ओट्समील भी ऐसे आहार में से एक है जो मधुमेह में गुणकारी होता है। ओट्स घुलनशील फाइबर से भरपूर होता है जो रक्त में शुगर की मात्रा को संतुलित रखने में साहयक है। आपको बता दें की ब्लड शुगर का स्तर बढ़ना टाइप-2 डायबिटीज़ का एक संकेत हैं। मोटापे या फिर टाइप-2 डायबिटीज़ में ओट्स मील का सेवन लाभकारी होता है। इस विषय में अधिक जानकारी आप चिकित्स्क से प्राप्त कर सकते हैं। (2)कार्डियोवैस्कुलर बीमारी से बचाव में लाभकारी
ओट्स में एंटीऑक्सीडेंट्स होते हैं जिससे इसे आहार में शामिल करने से हृदय स्वास्थ्य सुधरता है और इसमें मौजूद डाइट्री फाइबर गुड कोलेस्ट्रॉल को बिना नुकसान पहुंचाए बैड कोलेस्ट्रॉल के स्तर को कम करने में लाभकारी है। ह्रदय रोग और कोलेस्ट्रॉल के नियंत्रण के लिए आप ओट्समील का सेवन करें, जिससे आप अपने हृदय के स्वास्थ्य को बेहतर करते हैं और हृदय सम्बन्धी जोखिम को भी कम करते हैं। (3)बेहतर नींद में सहायक है ओट्समील
एक्सपर्ट्स की राय के अनुसार ओट्समील एक हैल्थी आहार है जो की शरीर में मेलाटोनिन और कॉम्पेलक्स कार्ब्स ट्रिप्टोफन की संख्या बढ़ाते हैं, जिससे हमें बेहतर नींद आती है। ओट्स की हस्क के उपयोग से सेरोटोनिन के स्तर में सुधार के लिए किया जाता है। यह आपके मूड को भी बेहतर बनाने में सहायक है।कैंसर के लिए लाभकारी है ओट्समील
कैंसर का आप आहार विशेष से उपचार नहीं किया जा सकता है लेकिन यदि आप ओटमील या अन्य ऐसे कई आहार हैं जो एंटीइंफ्लेमेटरी गुण से युक्त खाद्य प्रदार्थों को अपने भोजन में शामिल करते हैं तो कैंसर के जोखिम को कम जरूर कर सकते हैं। कई शोध में यह पाया गया है की ओट्स लिगनान्स से भरपूर होते हैं जो ओवरी, ब्रेस्ट और प्रोस्टेट कैंसर जैसे कैंसर में लाभकारी हो सकता है। (4)बढ़ते वजन को घटाने के लिए
बढ़ते वजन को घटाने के लिए ओट्समील से लाभ मिलता है। ओट्स में पाए जाने वाला बीटा ग्लूकॉन भोजन को सुपाच्य बनाते हैं और शरीर में ऊर्जा को बनाए रखता है, जिससे बार बार खाने की इच्छा नहीं होती है। पेट भरा हुआ महसूस होता है जिससे हम कम खाते हैं। इसलिए यदि आप अपने वजन को कम करना चाहते हैं तो ओट्समील को अपने आहार में शामिल जरूर करें।
वजन घटाने के लिए आप अपने खाने पीने का ध्यान रखें और नियमित रूप से व्यायाम करें।
रोग प्रतिरोधक क्षमता/इम्युनिटी के लिए
कई ऐसे खाद्य प्रदार्थ हैं जिनके सेवन से हमारे शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता का विकास होता है, इनमे से ओट्स भी एक है। इसके सेवन से शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता का विकास होता है क्योंकि ओट्स में बीटा-ग्लूकॉन पाए जाते हैं जो इम्युनिटी को बढ़ाते हैं। इसके साथ ही ओट्स खाने से मैक्रोफेज (macrophage) और न्यूट्रोफिल बढ़ते हैं जिससे हमारा शरीर संक्रामक रोगों से बचा रहता है।
तनाव से राहत दिलाने में ओट्समील के फायदे
ओट्समील में विटामिन बी के समूह के साथ फोलेट भी पाए जाते हैं जो अवसाद को कम करने में लाभकारी हो सकते हैं। ओट्स में विटामिन बी समूह की अच्छी मात्रा होती है जिसके कारण से यह मानसिक स्वास्थ्य के लिए बेहतर आहार होता है।त्वचा के लिए फायदेमंद है ओट्स
आपकी त्वचा के स्वास्थ्य के लिए भी ओट्स लाभकारी होता है। इसके सेवन से त्वचा अधिक स्वस्थ बनती है, त्वचा का रूखापन दूर होता है, खुजली और इरिटेटेड स्किन में ओट्स लाभकारी है। यदि आप स्किन केयर के कोई प्रोडक्ट इस्तेमाल करते हैं तो आप पाएंगे की उनमे भी ओट्स का उपयोग किया जाता है।हड्डीयों को मजबूत बनाने के लिए ओट्समील के फायदे
ओट्स सिलिकॉन से भरपूर होते हैं जो हड्डियों को स्वस्थ रखता है। इसलिए यदि आप अपने हड्डियों को मजबूत बनाना चाहते हैं तो अपने भोजन में इसे स्थान दें। सिलिकॉन से हड्डियां मजबूत बनती हैं। इसके अतिरिक्त ओट्स में कैल्शियम, प्रोटीन, मैग्नीशियम व सिलिकॉन भी पाए जाते हैं जो हड्डियों के लिए लाभकारी होते हैं। इसके अतिरिक्त इसके नियमित सेवन से नियमित रूप से ओट्स खाने पर पोस्टमेनोपॉज़ल ऑस्टियोपोरोसिस वाली महिलाओं को काफी फायदा होता है।ऊर्जा बढ़ाने के लिए ओट्स मील का उपयोग
सुबह यदि आप ओट्समील का उपयोग नाश्ते के रूप में करते हैं तो यह आपको ऊर्जा देता है। ओट्स में विटामिन्स, मिनरल और फाइबर होते हैं जो थकान को दूर करते हैं। ऐसे में दिन की शुरुआत आप इस नाश्ते से करें तो पूरा दिन आपको अच्छा महसूस होता है। ओट्स कार्बोहाइड्रेट से भरपूर होते हैं जो ऊर्जा के स्तर को बढ़ाते हैं।USDA के अनुसार ओट्स में पाए जाने वाले पोषक तत्व
USDA के मुताबिक, 100 ग्राम जई (बिना पका हुआ) में निम्न पोषक तत्व पाए जाते हैं:- ऊर्जा: 389 किलो कैलोरी
- कार्बोहाइड्रेट: 66 ग्राम
- आहार फाइबर: 8 ग्राम
- शर्करा: 4 ग्राम
- प्रोटीन: 11 ग्राम
- वसा: 5 ग्राम
- सैचुरेटेड वसा: 1 ग्राम
- मोनोअनसैचुरेटेड वसा: 2 ग्राम
- पॉलीअनसेचुरेटेड वसा: 2 ग्राम
- कोलेस्ट्रॉल: 0 मिलीग्राम
- थियामिन (विटामिन B1): 0.4 मिलीग्राम
- राइबोफ्लेविन (विटामिन B2): 0.1 मिलीग्राम
- नियासिन (विटामिन B3): 0.7 मिलीग्राम
- पैंटोथेनिक एसिड (विटामिन B5): 1 मिलीग्राम
- विटामिन B6: 0.2 मिलीग्राम
- फोलेट: 36 माइक्रोग्राम
- विटामिन E: 0.6 मिलीग्राम
- मैंगनीज: 49 मिलीग्राम
- फॉस्फोरस: 341 मिलीग्राम
- आयरन: 4 मिलीग्राम
- जस्ता: 2 मिलीग्राम
- तांबा: 0.4 मिलीग्राम
- मैग्नीशियम: 177 मिलीग्राम
ओट्स जिन विभिन्न रूपों में उपलब्ध हैं:
रोल्ड या ओल्ड फैशन्ड ओट्स ओट्स इस रूप में अधिक प्रचलन में है, इसे भाप में पकाया जाता है और फिर उन्हें चपटा किया जाता है। इनमें एक मध्यम बनावट और 5-10 मिनट का पकाने का समय होता है। इनका उपयोग नाश्ते में किया जा सकता है।
ग्रोट ओट्स: ये ओट्स बिना छीले और बिना पकाए होते हैं जिसे पकाने में कुछ अधिक समय लगता है। इस रूप में आप इसे दलिया, सूप, और स्टॉज के रूप में कर सकते हैं।
ओट ब्रान: यह ओट्स के बाहरी भाग से बना एक पाउडर है जिसमे फाइबर की मात्रा अधिक होती है और इसका उपयोग दलिया, स्मूदी, और बेक्ड सामान में किया जा सकता है।
स्टील-कट या आयरिश ओट्स: ये ओट्स स्टील के ब्लेड से काटे जाते हैं।
स्कॉटिश ओट्स: ये ओट्स स्टील-कट ओट्स के समान होते हैं, लेकिन थोड़े बारीक होते हैं।
क्विक या इंस्टेंट ओट्स: ये ओट्स पहले से पकाए जाते हैं और इन्हें सुखाकर उपयोग में लिया जाता है जिनको बनाना अधिक सरल है।
ओट्स का आटा: यह ओट्स को पीसकर बनाया जाता है। इसका उपयोग आप बेक्ड सामान, पेनकेक्स, और अन्य व्यंजनों में कर सकते हैं।
रोल्ड या ओल्ड फैशन्ड ओट्स ओट्स इस रूप में अधिक प्रचलन में है, इसे भाप में पकाया जाता है और फिर उन्हें चपटा किया जाता है। इनमें एक मध्यम बनावट और 5-10 मिनट का पकाने का समय होता है। इनका उपयोग नाश्ते में किया जा सकता है।
ग्रोट ओट्स: ये ओट्स बिना छीले और बिना पकाए होते हैं जिसे पकाने में कुछ अधिक समय लगता है। इस रूप में आप इसे दलिया, सूप, और स्टॉज के रूप में कर सकते हैं।
ओट ब्रान: यह ओट्स के बाहरी भाग से बना एक पाउडर है जिसमे फाइबर की मात्रा अधिक होती है और इसका उपयोग दलिया, स्मूदी, और बेक्ड सामान में किया जा सकता है।
स्टील-कट या आयरिश ओट्स: ये ओट्स स्टील के ब्लेड से काटे जाते हैं।
स्कॉटिश ओट्स: ये ओट्स स्टील-कट ओट्स के समान होते हैं, लेकिन थोड़े बारीक होते हैं।
क्विक या इंस्टेंट ओट्स: ये ओट्स पहले से पकाए जाते हैं और इन्हें सुखाकर उपयोग में लिया जाता है जिनको बनाना अधिक सरल है।
ओट्स का आटा: यह ओट्स को पीसकर बनाया जाता है। इसका उपयोग आप बेक्ड सामान, पेनकेक्स, और अन्य व्यंजनों में कर सकते हैं।
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Author - Saroj Jangir
दैनिक रोचक विषयों पर में 20 वर्षों के अनुभव के साथ, मैं इस ब्लॉग पर रोचक और ज्ञानवर्धक जानकारियों और टिप्स यथा आयुर्वेद, हेल्थ, स्वास्थ्य टिप्स, पतंजलि आयुर्वेद, झंडू, डाबर, बैद्यनाथ, स्किन केयर आदि ओषधियों पर लेख लिखती हूँ, मेरे इस ब्लॉग पर। मेरे लेखों का उद्देश्य सामान्य जानकारियों को पाठकों तक पहुंचाना है। मैंने अपने करियर में कई विषयों पर गहन शोध और लेखन किया है, जिनमें जीवन शैली और सकारात्मक सोच के साथ वास्तु भी शामिल है....अधिक पढ़ें। |