पतंजलि दिव्य श्वासारि प्रवाही के फायदे उपयोग सेवन विधि

पतंजलि दिव्य श्वासारि प्रवाही के फायदे Patanjali Divya Shwasari Pravahi Ke Fayde Upyog Sevan Vidhi

आयुर्वेद हमारे लिए बहुत बड़ा वरदान है। आयुर्वेद में ऐसी बहुत सी औषधीयां हैं जिनका संयोजन हमारे स्वास्थ्य के लिए बहुत ही लाभदायक होता है। यह हमारी रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने के साथ-साथ हमें शारीरिक और मानसिक शक्ति भी प्रदान करता है। आज हम जानेंगे आयुर्वेद की ऐसी ही एक औषधि श्वसारी प्रवाही के बारे में। पतंजलि दिव्य श्वसारी प्रवाही फेफड़ों के संक्रमण को दूर करती है। सर्दी खांसी में भी यह बहुत लाभदायक होती है। इसका सेवन करने से गले की खराश दूर होती है तथा गले की सूजन में राहत प्राप्त होती है। इसके साथ ही पतंजलि दिव्य श्वसारी प्रवाही अस्थमा, निमोनिया तथा वायरल इन्फेक्शन में भी बहुत लाभदायक होती है। तो आईए पतंजलि दिव्य श्वसारी प्रवाही के सेवन से होने वाले फायदे जान लेते हैं।


पतंजलि दिव्य श्वसारी प्रवाही के सेवन से होने वाले फायदे

पतंजलि दिव्य श्वसारी प्रवाही आयुर्वेदिक जड़ी बूटियों का एक ऐसा संयोजन है जिसका सेवन करने से फेफड़ों में होने वाली लगभग सभी समस्याओं में राहत मिलती है। यह गले की सूजन को कम कर गले के इंफेक्शन को दूर करता है। इसके सेवन से गले की खराश भी कम होती है। उसके साथ ही यह फेफड़ों की सूजन को कम करता है। यह निमोनिया, अस्थमा तथा अन्य फेफड़ों से संबंधित समस्याओं में भी राहत प्रदान करती है। यह श्वसन संबंधी सभी समस्याओं का कारगर इलाज है। आईए जानते हैं इसके सेवन से होने वाले फायदे
पतंजली श्वासारी रस के फायदे Benefits of Patanjali Swasari Ras Divy Swasari Ras

  • पतंजलि दिव्य श्वसारी प्रवाही फेफड़ों के इंफेक्शन को दूर करने में है कारगर।
  • यह फेफड़ों में होने वाली सूजन को कम करती है।
  • यह गले की खराश को दूर करती है।
  • खांसी को दूर करने में भी सहायक होती है।
  • वायरल इंफेक्शन से बचाव करने में सक्षम बनाती है।
  • श्वसन तंत्र को मजबूत बनाती है।
  • बदलते मौसम से होने वाले बीमारियों से बचाव करती है।
  • रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाती है।
  • एंटी इन्फ्लेमेटरी प्रॉपर्टीज होने के कारण यह है फेफड़ों में होने वाली सूजन को कम करने में सहायक होती है।
  • अस्थमा में राहत प्रदान करती है।
  • प्रदूषण के कारण होने वाले श्वसन संबंधी सभी समस्याओं को दूर करने में सहायक होती है।
  • बंद नाक की समस्या को दूर करने में भी मददगार होती है।
  • सर्दी खांसी से होने वाली गले की सूजन को कम करने में बहुत ही लाभदायक है।
  • खांसी, जुकाम से प्रभावी राहत प्रदान करने में मदद करता है।
  • यह एक एंटीबैक्टीरियल क्रिया उत्पन्न करके संक्रमण को दूर करता है।
  • इस दवा की एंटी-इन्फ्लेमेटरी क्रिया द्वारा इसका लाभकारी प्रभाव बढ़ता है, जो सूजन और बंद नाक को कम करने में मदद करता है।  
  • सभी प्रकार की श्वसन समस्याओं के लिए टॉनिक के रूप में उपयोग किया जाता है।
  • सर्दी खांसी का प्रभावी इलाज है -गंभीर खांसी, दमा, खांसी, पसलियों में समस्याएं, और अन्य बीमारियों में राहत प्रदान करता है।
  • श्वसन रोगों का सुरक्षित और प्राकृतिक तरीके से इलाज करता है और सुनिश्चित करता है कि फेफड़े कारगरता से कार्य करते हैं।
  • श्वसन कोशिकाओं को पोषण प्रदान करता है।
  • फेफड़ों में सूजन को कम करने में मदद करता है।
  • बंद नाक और सूजन के लक्षणों को सुधारने में मदद करता है।

पतंजलि श्वासारि प्रवाही के सेवन से सम्बंधित सामान्य जानकारी

  • इस ओषधि का सेवन रोज़ एक ही समय पर लें: इसे हर दिन एक ही समय पर लें। इससे आपको इसे लेने की याद रखने में मदद होगी। इस दवा से सबसे अधिक लाभ प्राप्त करने के लिए अपने डॉक्टर की निर्देशों का ध्यानपूर्वक पालन करें।
  • इसका उपयोग न करें अगर: आप इससे या इसके किसी भी घटक से एलर्जी हैं, आप इस हेतु वैद्य से सलाह अवश्य प्राप्त कर लें।
  • दवा के प्रभाव को जानने के लिए अपने डॉक्टर को बताएं: आप जो भी दवाएं ले रहे हैं, उन्हें डॉक्टर से सावधानीपूर्वक सूचित करें, क्योंकि वे इस दवा को प्रभावित कर सकती हैं या प्रभावित हो सकती हैं।
  • मौजूदा चिकित्सा स्थितियाँ: इस सिरप का उपयोग करने से पहले, जो भी मौजूदा चिकित्सा स्थितियाँ हैं, उन्हें अपने डॉक्टर से सही तरीके से सूचित करें, जैसे कि डायबिटीज, उच्च रक्तचाप, किडनी या लिवर समस्याएं।
  • डॉक्टर को सूचित करें: अगर आप किसी अन्य दवाओं, सप्लीमेंट्स, या किसी अन्य सहायक या एकीकृत स्वास्थ्य दृष्टिकोण का पालन कर रहे हैं, तो अपने डॉक्टर को सूचित करें।
  • आहार सप्लीमेंट्स का समर्थन: ध्यान रखें कि आहार सप्लीमेंट्स का उद्देश्य आहार का पूरक होता है, इसे एक संतुलित आहार और स्वस्थ जीवनशैली का उपयोग के लिए नहीं किया जाना चाहिए।
  • लेबल को ध्यानपूर्वक पढ़ें: उपयोग से पहले ध्यानपूर्वक लेबल पढ़ें, और टैबलेट की अनुशंसित मात्रा से अधिक न करें।
  • हमेशा चिकित्सकीय निगरानी में उपयोग करें: इसे हमेशा चिकित्सकीय निगरानी में उपयोग करें।
  • अस्थमा में भी लाभदायक है। 
  • सर्दी और खांसी के लक्षणों में सुधार करता है
  • सुनिश्चित करता है कि फेफड़े सही तरीके से काम कर रहें
  • फेफड़ों की कार्यक्षमता में सुधार करके श्वसन समस्याओं का इलाज करने के लिए इसका उपयोग किया जाता है। यह यह भी मदद करता है कि श्वसन संक्रमण जैसी बीमारियों के लक्षणों में सुधार हो, जैसे कि खांसी, सर्दी, दम, गले में खुजली, और बंद नाक। इसके साथ ही, यह श्वास को सुधारकर और श्वसन मार्ग के मांसपेशियों को शांत करके अस्थमा के हमलों को रोकने में मदद करता है। इसे आपकी प्रतिरक्षा को बढ़ावा देने के लिए भी जाना जाता है, श्वसन कार्य में सुधार करने में मदद करने में, संक्रमणों से लड़ने में सहारा प्रदान करने में, और खांसी और सर्दी जैसे लक्षणों से राहत प्रदान करने में।

भंडारण सम्बन्धी सुचना

  • एक ठंडे और सुखे स्थान में रखें (25°C के नीचे)।
  • नमी से बचाएं।
  • बच्चों के पहुंच से दूर रखें।
पतंजलि दिव्या स्वासारी प्रवाही में कई आयुर्वेदिक जड़ी-बूटियों को सक्रिय घटक के रूप में शामिल करता है जैसे कि काली मिर्च (Black Pepper), भृंगराज (Eclipta Alba), तेजपत्र (Cinnamomum Tamala), सोंठ (Zingiber Officinale), लौंग (Syzgium Aromaticum), दालचीनी (Cinnamomum Zeylanicum), मुलेठी (Glycyrrhiza Glabra), छोटी पिपल (Piper Longum), तुलसी (Ocimum Sanctum) और बनफसा (Viola Osorata)।

ये जड़ी-बूटियाँ न केवल श्वसन मार्ग की मांसपेशियों को शांत करती हैं बल्कि श्वसन मार्ग पर बहुत आरामदायक प्रभाव भी प्रदान करती हैं। ये जड़ी-बूटियाँ एंटीहिस्टामीन और डीकॉन्जेस्टेंट एजेंट के रूप में कार्य करती हैं जिससे खांसी, गले में दर्द, एलर्जी और सूजन से पीड़ित लोगों के लिए एक अद्भुत आयुर्वेदिक उपाय बनती हैं। इनमें ऐसे भी आवश्यक तेल होते हैं जिनमें एंटी-इन्फ्लेमेटरी और एंटीमाइक्रोबिअल गुण होते हैं जो इसे दोहरे औषधीय लाभ प्रदान करते हैं। ये एक शांति प्रदान करने वाले एजेंट के रूप में कार्य करते हैं और नाक और श्वसन के एलर्जी से राहत प्रदान करते हैं। यह नाक और साइनस पैसेज पर कार्रवाई करती है, इसके फलस्वरूप सूजन को कम करती है।

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दिव्य स्वाशारि प्रवाही के घटक Components of Divine Swashari Flow Ingredients

  • Kali Mirch (Black Pepper) / काली मिर्च
  • Saccharum Officinarium (Sugar) / (शर्करा)
  • Amaltas (Indian Laburnum) - Cassia Fistula / अमलतास - कैसिया फिस्टुला
  • Lishoda (Clammy Cherry) - Cordia Dichotoma / लिशोड़ा - कॉर्डिया डाइकोटोमा
  • Bhringraj (Bhringraj) - Eclipta Alba / भृंगराज - एक्लिप्टा अल्बा
  • Tejpatra (Indian Bay Leaf) - Cinnamomum Tamala / तेजपत्र - सिनामोमम तमाला
  • Sonth (Dried Ginger) - Zingiber Officinale / सोंठ - जिंजीबर ऑफिसिनाले
  • Lavang (Clove) - Syzygium Aromaticum / लौंग - सिजीजियम आरोमेटिकम
  • Dalchini (Cinnamon) - Cinnamomum Zeylanicum / दालचीनी - सिनामोमम जयलैनिकम
  • Mulethi (Licorice) - Glycyrrhiza Glabra / मुलेठी - ग्लाइसीराइज़ा ग्लेब्रा
  • Kateli badi (Indian Nightshade) - Solanum Indicum / कटेली बड़ी - सोलेनम इंडिकम
  • Kala vasa (White Vajradanti) - Justicia Gendarussa / काला वासा - जस्टिसिया जेंडारुसा
  • Safed vasaka (White Vasaka) - Adhatoda Vasica / सफेद वासाका - एधतोडा वासिका
  • Chhoti pipal (Long Pepper) - Piper Longum / छोटी पिपल - पाइपर लॉनगम
  • Tulsi Desi (Holy Basil) - Ocimum Sanctum / तुलसी देसी - ओसिमम सैंक्टम
  • Banfsa (Sweet Violet) - Viola Odorata / बनफसा - वायोला ओडोराटा
 
दिव्या स्वासारी प्रवाही फेफड़े को उत्तेजित करता है, श्वसन मार्ग और फेफड़ों में सूजन की कमी को बढ़ावा देता है। फेफड़ों में जमा काफ को बाहर निकालने में सहायक है. यह दमा के इलाज में प्रभावी रूप से मदद करता है। दिव्य स्वासारी प्रवाही न केवल सांस की तकलीफ़ से राहत प्रदान करता है, बल्कि यह विभिन्न अन्य श्वसन संबंधित समस्याओं को भी दूर करती है है। इससे सुनिश्चित होता है कि श्वसन रोगों का सुरक्षित और प्राकृतिक उपचार किया जाता है। इसके अलावा, यह श्वसन को बढ़ावा देता है और इसमें उपयुक्त औषधीय जड़ी-बूटियों का मिश्रण होता है जो इन बीमारियों के साथ जुड़े लक्षणों को प्रभावी रूप से कम करते हैं।

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इस प्रकार आपने जाना की पतंजलि दिव्य श्वसारी प्रवाही गले से संबंधित तथा फेफड़ों से संबंधित सभी श्वसन संबंधी समस्याओं को दूर करने में सहायक होती है। पतंजलि दिव्य श्वसारी प्रवाही का सेवन सभी व्यक्ति कर सकते हैं। बच्चों के लिए पतंजलि दिव्य श्वसारी प्रवाही बहुत ही लाभदायक होती है। गर्भवती स्त्रियां इसका सेवन करने से पहले अपने डॉक्टर से सलाह अवश्य लें। आप इसका सेवन करने से पहले आयुर्वेदिक चिकित्सक से परामर्श अवश्य ले ले। किसी भी अन्य दवाई का सेवन कर रहे हैं या किसी भी प्रकार की एलर्जी से ग्रसित है तो इसका सेवन करने से पहले आयुर्वेदिक चिकित्सा से सलाह अवश्य लें, तत्पश्चात ही इसका सेवन करें।

दोस्तों आयुर्वेद में ऐसे बहुत से खजाने हैं जिनका उपयोग कर हम अपने जीवन को स्वस्थ एवं निरोगी बना सकते हैं। तो दोस्तों आयुर्वेद अपनायें और शरीर को स्वस्थ एवं निरोगी बनायें।


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The author of this blog, Saroj Jangir (Admin), is a distinguished expert in the field of Ayurvedic Granths. She has a diploma in Naturopathy and Yogic Sciences. This blog post, penned by me, shares insights based on ancient Ayurvedic texts such as Charak Samhita, Bhav Prakash Nighantu, and Ras Tantra Sar Samhita. Drawing from an in-depth study and knowledge of these scriptures, Saroj Jangir has presented Ayurvedic Knowledge and lifestyle recommendations in a simple and effective manner. Her aim is to guide readers towards a healthy life and to highlight the significance of natural remedies in Ayurveda.

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Saroj Jangir Author Author - Saroj Jangir

दैनिक रोचक विषयों पर में 20 वर्षों के अनुभव के साथ, मैं इस ब्लॉग पर रोचक और ज्ञानवर्धक जानकारियों और टिप्स यथा आयुर्वेद, हेल्थ, स्वास्थ्य टिप्स, पतंजलि आयुर्वेद, झंडू, डाबर, बैद्यनाथ, स्किन केयर आदि ओषधियों पर लेख लिखती हूँ, मेरे इस ब्लॉग पर। मेरे लेखों का उद्देश्य सामान्य जानकारियों को पाठकों तक पहुंचाना है। मैंने अपने करियर में कई विषयों पर गहन शोध और लेखन किया है, जिनमें जीवन शैली और सकारात्मक सोच के साथ वास्तु भी शामिल है....अधिक पढ़ें

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