गिलोय क्वाथ के फायदे उपयोग सेवन विधि

गिलोय क्वाथ के फायदे Giloy Kwath Ke Fayde Upyog Sevan Vidhi

प्रकृति में ऐसी बहुत सी औषधीयां हैं जो हमें आसानी से उपलब्ध हो जाती हैं। और हम ये औषधीयां किसी भी मौसम और किसी भी जगह पर आसानी से उगाकर इनका सेवन कर सकते हैं। उन्हें में से है एक है गिलोय। गिलोय (Tinospora Cordifolia) को अमृता भी कहा जाता है। ऐसा माना जाता है की गिलोय का सेवन करने से व्यक्ति अपनी पूर्ण आयु को प्राप्त होता है तथा वह निरोगी रहता है। इसीलिए ही गिलोय को अमृता कहा गया है। आज हम जानेंगे गिलोय के सेवन से होने वाले फायदे के बारे में। तो आईए जानते हैं गिलोय क्वाथ के सेवन से होने वाले फायदे.

गिलोय क्वाथ के फायदे Giloy Kwath Ke Fayde Upyog Sevan Vidhi

गिलोय क्या होती है, परिचय 

गिलोय (Tinospora Cordifolia) एक लोकप्रिय बेल है जो अपने स्वास्थ्य गुणों के लिए प्रसिद्ध है। गिलोय का उपयोग आयुर्वेद में प्राचीन काल से औषधीय उपयोग के लिए किया जाता है। बाबा रामदेव जी के प्रयत्न के कारण वर्तमान में गिलोय को एक नई पहचान मिली है। गिलोय के पत्तों का आकार पान के आकर का होता है। गिलोय को गुडूची (Guduchi), अमृता आदि नामों से पहचाना जाता है। गिलोय का वानस्पतिक नाम गिलोय का लैटिन नाम  टिनोस्पोरा कॉर्डिफोलिया ( Tinospora cordifolia (Willd.) Miers, है। गिलोय त्रिदोष नाशक है। गिलोय के विशेष गुण प्राप्त करने के लिए गिलोय (नीम गिलोय ) की बेल नीम पर चढ़ी हुई अधिक लाभकारी है। 
 

गिलोय में पाए जाने वाले पोषक तत्व

गिलोय में कई औषधीय गुण और पोषक तत्व होते हैं। गिलोय में गिलोइन नामक ग्लूकोसाइड और टीनोस्पोरिन, पामेरिन एवं टीनोस्पोरिक एसिड होता है जो रोग प्रतिरोधक क्षमता का विकास करने में सहायक है । इसके अलावा गिलोय (Giloy  in hindi) में कॉपर, आयरन, फॉस्फोरस, जिंक,कैल्शियम और मैगनीज आदि पोषक तत्व पाए जाते हैं। 
 

गिलोय के फायदे संक्षिप्त में

  • गिलोय सर्दी खांसी में उपयोगी है। गिलोय क्वाथ के सेवन से खांसी में राहत मिलती है और कफ दूर होता है।
  • गिलोय या गुडूची (Guduchi) में ऐसे एंटीपायरेटिक गुण होते हैं जिससे यह बुखार को दूर करती है।
  • गिलोय के सेवन से रोग प्रतिरोधक क्षमता का विकास होता है।
  • गिलोय के पत्ते के सेवन से पीलिया रोग में लाभ मिलता है।
  • एनीमिया/रक्त की कमी को दूर करने में गिलोय लाभकारी है।
  • गिलोय में एंटी-आर्थराइटिक गुण होते हैं जिसके कारण से यह गठिया और जोड़ों के दर्द में गुणकारी है।
  • गिलोय अस्थमा और लिवर के लिए भी श्रेष्ठ है। 
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गिलोय के औषधीय गुण

  • गिलोय त्रिदोष नाशक है और इसके समस्त भाग यथा जड़, तना, पत्तियां गुणों से युक्त होती है। लेकिन आयुर्वेद में इसकी पत्तियों और तने का उपयोग किया जाता है। गिलोय के निम्न औषधीय गुण होते हैं -
  • गिलोय रोग प्रतिरोधक क्षमता का विकास करती है।
  • गिलोय में एंटीऑक्सीडेंट पाए जाते हैं जो शरीर को शुद्ध करते हैं।
  • गिलोय में एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण होते हैं जिनके कारण से यह सूजन को दूर करती है।
  • गिलोय में कैंसर रोधी गुण होते हैं।
  • गिलोय शरीर से विषाक्त प्रदार्थों को दूर करने में सक्षम है।
  • गिलोय बुखार, पीलिया, गठिया, डायबिटीज, कब्ज़, एसिडिटी, अपच, मूत्र संबंधी रोगों में लाभदायक है। 
  • गिलोय कफ को दूर करती है.

डायबिटीज में गिलोय के फायदे

गिलोय टाइप-2 डायबिटीज में लाभकारी होती है, क्योंकि विशेषज्ञों के अनुसार गिलोय हाइपोग्लाईसेमिक एजेंट की तरह काम करती है। अतः वैद्य की सलाह के उपरान्त आप गिलोय क्वाथ का सेवन कर सकते हैं। 

डेंगू में गिलोय के फायदे Giloy benefits for dengue in hindi

डेंगू के बुखार में गिलोय के कई लाभ होते हैं। गिलोय में मौजूद एंटीपायरेटिक गुण डेंगू के बुखार को दूर करने में सहायक होते हैं। 

गिलोय रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाता है

प्रतिदिन गिलोय के क्वाथ का सेवन करने से हमारी रोग प्रतिरोधक क्षमता का विकास होता है तथा वायरल इंफेक्शन से बचाव होता है।

रक्त को साफ करता है गिलोय क्वाथ

गिलोय का क्वाथ पीने से रक्त साफ होता है। यह रक्त में पाए जाने वाले विषाक्त पदार्थों को दुर करने में सहायक है। यह रक्त की कमी अर्थात एनीमिया को दूर करने में भी सहायक है।

त्वचा को चमकदार एवं स्वच्छ बनाने में है सहायक

गिलोय के क्वाथ का सेवन करने से त्वचा में चमक बढ़ती है।
गिलोय क्वाथ का सेवन करने से त्वचा के रोम छिद्र खुलते हैं तथा त्वचा चमकदार बनती है।

अस्थमा में भी है लाभदायक

गिलोय के क्वाथ का सेवन करना अस्थमा के रोगियों के लिए भी बहुत लाभदायक होता है। यह फेफड़ों में होने वाले संक्रमण को दूर करता है तथा गले की सूजन को कम करने में भी सहायक होता है।

मानसिक तनाव में देता है राहत गिलोय का क्वाथ

गिलोय के क्वाथ का सेवन करने से मानसिक स्वास्थ्य बना रहता है तथा तनाव दूर होता है। यह मस्तिष्क को रिलेक्स करता है जिससे तनाव में कमी आती है।

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पाचन तंत्र को भी दुरुस्त बनता है गिलोय का क्वाथ

गिलोय का क्वाथ पीने से पाचन तंत्र अपना कार्य सुचारू रूप से संपन्न करता है। इसलिए पाचन तंत्र के लिए भी गिलोय का क्वाथ बहुत लाभदायक होता है। इस क्वाथ का सेवन करने से पोषक तत्वों का अवशोषण अधिक मात्रा में होता है। गिलोय का काढ़ा अपच और गैस को कम करने में सहायक है। वर्तमान समय में बाजार के खाने और अनियमित जीवन शैली से कब्ज होना एक आम बात है। ऐसे में आप अपने आहार विहार पर ध्यान दें और गिलोय क्वाथ का सेवन करें। 

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बुखार को दूर करता है गिलोय का क्वाथ

बुखार होने पर गिलोय का क्वाथ लेने से बुखार में राहत प्राप्त होती है। इससे शरीर का तापमान कम होता है।

एंटीऑक्सीडेंट होता है गिलोय क्वाथ

गिलोय के क्वाथ में एंटीऑक्सीडेंट प्रॉपर्टीज होती हैं। जिससे हमारे शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है। गिलोय शरीर में पाए जाने वाले फ्री रेडिकल्स को भी नष्ट करती है।
 

एलर्जी को दूर करता है गिलोय क्वाथ

गिलोय के क्वाथ का सेवन करने से सभी प्रकार की एलर्जी में राहत प्राप्त होती है। इसके सेवन से त्वचा का इन्फेक्शन भी दूर होता है। यह बदलते मौसम से होने वाले इन्फेक्शन को भी दूर करने में सहायक है।

मस्तिष्क की कार्य क्षमता बढ़ाता है गिलोय क्वाथ

गिलोय क्वाथ में एडेप्टोजेनिक पाया जाता है। जिससे यह है मस्तिष्क के लिए बहुत ही लाभदायक होता है। इससे स्ट्रेस दूर होता है तथा तनाव में कमी आती है। यह मानसिक अवसाद को दूर कर मस्तिष्क की कार्य प्रणाली को सुचारू रूप से कार्य करने के लिए सक्षम बनाता है।
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गिलोय क्वाथ सेवन विधि

गिलोय क्वाथ का सेवन करने के लिए आप एक से दो चम्मच गिलोय क्वाथ को 400 ml पानी में उबाल लें। जब पानी एक चौथाई अथार्त 100 ml रह जाए तब आप उसे छान ले।गुनगुना होने पर क्वाथ का सेवन करें। गिलोय क्वाथ का सेवन दिन में दो बार सुबह शाम खाली पेट करना अधिक लाभदायक होता है। आप गिलोय को गिलोय सत्व, गिलोय जूस (Giloy juice) या गिलोय स्वरस, गिलोय क्वाथ, गिलोय चूर्ण, गिलोय घनवटी आदि रूप में उपयोग में ले सकते हैं।

गिलोय क्वाथ के सेवन में सावधानियां

वैसे तो गिलोय क्वाथ के सेवन से कोई भी नुकसान नहीं होता है। लेकिन फिर भी अगर आप किसी दवाई का सेवन कर रहे हैं या आप किसी एलर्जी से ग्रसित हैं तो आप गिलोय क्वाथ का सेवन करने से पहले आयुर्वेदिक चिकित्सक से परामर्श अवश्य कर लें।
The author of this blog, Saroj Jangir (Admin), is a distinguished expert in the field of Ayurvedic Granths. She has a diploma in Naturopathy and Yogic Sciences. This blog post, penned by me, shares insights based on ancient Ayurvedic texts such as Charak Samhita, Bhav Prakash Nighantu, and Ras Tantra Sar Samhita. Drawing from an in-depth study and knowledge of these scriptures, Saroj Jangir has presented Ayurvedic Knowledge and lifestyle recommendations in a simple and effective manner. Her aim is to guide readers towards a healthy life and to highlight the significance of natural remedies in Ayurveda.
 
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