नीचे मंदिर बालाजी का ऊपर काली माई
नीचे मंदिर बालाजी का ऊपर काली माई
नीचे मंदिर बालाजी का,
ऊपर काली माई,
दूर~दूर त आ के नजारा,
देखं लोग लुगाई।।
बालाजी के मंदिर आगे,
भूतबबाते पावंगे,
भूतां ऊपर बजरंग बाला,
गदा घुमाते पावंगे,
खींचे तीन लकीर नाक तं,
वचन भराते पावंगे,
भक्ति के पूरे सिर तं,
जा स बला टलाई,
दूरदूर त आ के नजारा,
देखं लोग लुगाई।।
नीचे मंदिर बालाजी का,
ऊपर काली माई,
दूर~दूर त आ के नजारा,
देखं लोग लुगाई।।
आगे सी ने देखा भैरव,
बाबा चौकी आला ऐ,
एक हाथ में चिमटा ले रहा,
एक हाथ में माला ऐ,
लंबीलंबी लटा बधा रहा,
कांधे कंबल काला ऐ,
पूरी भक्ति उस बाबा में,
देखा ढंग निराला ऐ,
पढ़पढ़ क ने उड़द मार दे,
दिन रोग रह ना ढाई,
दूर~दूर त आ के नजारा,
देखं लोग लुगाई।।
नीचे मंदिर बालाजी का,
ऊपर काली माई,
दूर~दूर त आ के नजारा,
देखं लोग लुगाई।।
तीजा द्वारा प्रेतराज का,
मेरे तं मुलाकात हुई,
एक बात मैं डरी देख क,
फिर खुल के कुछ बात हुई,
दीनदुखी के संकट काटो,
चर्चा सारी रात हुई,
बालाजी के पेश मैं तो,
जोड़े दोनों हाथ हुई,
बजरंग के बिन मेरे मर्ज की,
मिलती नहीं दवाई,
दूरदूर त आ के नजारा,
देखं लोग लुगाई।।
नीचे मंदिर बालाजी का,
ऊपर काली माई,
दूर~दूर त आ के नजारा,
देखं लोग लुगाई।।
चौथी बरीयां चढ़ी पहाड़ प,
काली का दरबार सज्जा,
माँ के चौरासी घंटे बाजं,
फरफर करती लाल धज्जा,
सुमेर भक्त कह माँ काली की,
भक्ति का कुछ अलग मज्जा,
भक्तों के भंडारे भरती,
पापियों को देती सज्जा,
बलवान भक्त याद करी जब,
वहां प र आई,
दूरदूर त आ के नजारा,
देखं लोग लुगाई।।
नीचे मंदिर बालाजी का,
ऊपर काली माई,
दूर~दूर त आ के नजारा,
देखं लोग लुगाई।।
ऊपर काली माई,
दूर~दूर त आ के नजारा,
देखं लोग लुगाई।।
बालाजी के मंदिर आगे,
भूतबबाते पावंगे,
भूतां ऊपर बजरंग बाला,
गदा घुमाते पावंगे,
खींचे तीन लकीर नाक तं,
वचन भराते पावंगे,
भक्ति के पूरे सिर तं,
जा स बला टलाई,
दूरदूर त आ के नजारा,
देखं लोग लुगाई।।
नीचे मंदिर बालाजी का,
ऊपर काली माई,
दूर~दूर त आ के नजारा,
देखं लोग लुगाई।।
आगे सी ने देखा भैरव,
बाबा चौकी आला ऐ,
एक हाथ में चिमटा ले रहा,
एक हाथ में माला ऐ,
लंबीलंबी लटा बधा रहा,
कांधे कंबल काला ऐ,
पूरी भक्ति उस बाबा में,
देखा ढंग निराला ऐ,
पढ़पढ़ क ने उड़द मार दे,
दिन रोग रह ना ढाई,
दूर~दूर त आ के नजारा,
देखं लोग लुगाई।।
नीचे मंदिर बालाजी का,
ऊपर काली माई,
दूर~दूर त आ के नजारा,
देखं लोग लुगाई।।
तीजा द्वारा प्रेतराज का,
मेरे तं मुलाकात हुई,
एक बात मैं डरी देख क,
फिर खुल के कुछ बात हुई,
दीनदुखी के संकट काटो,
चर्चा सारी रात हुई,
बालाजी के पेश मैं तो,
जोड़े दोनों हाथ हुई,
बजरंग के बिन मेरे मर्ज की,
मिलती नहीं दवाई,
दूरदूर त आ के नजारा,
देखं लोग लुगाई।।
नीचे मंदिर बालाजी का,
ऊपर काली माई,
दूर~दूर त आ के नजारा,
देखं लोग लुगाई।।
चौथी बरीयां चढ़ी पहाड़ प,
काली का दरबार सज्जा,
माँ के चौरासी घंटे बाजं,
फरफर करती लाल धज्जा,
सुमेर भक्त कह माँ काली की,
भक्ति का कुछ अलग मज्जा,
भक्तों के भंडारे भरती,
पापियों को देती सज्जा,
बलवान भक्त याद करी जब,
वहां प र आई,
दूरदूर त आ के नजारा,
देखं लोग लुगाई।।
नीचे मंदिर बालाजी का,
ऊपर काली माई,
दूर~दूर त आ के नजारा,
देखं लोग लुगाई।।
Neeche Mandir Balaji Ka Narendra Kaushik [Full Song] I Teri Sharan Mein Balaji
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Admin - Saroj Jangir
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