श्याम की होरी के रंग में रंगना है
थारी ही लगनिया में लगना है,
थारी भक्ति रंग में बाबा घुलना है,
श्याम की होरी के रंग में रंगना है,
श्याम की होरी के रंग में रंगना है।
भक्ति की पिचकारी से,
मैं बाबा रंग लगाऊं,
तेरे नाम की मैं बाबा,
जोगन हो जाऊं,
घर की आंगनिया में बाबा,
हर दम तुझे बुलाऊँ,
दिल की नगरी में बाबा,
तेरा दरबार लगाऊं,
नाम तो तेरा ही बाबा जपना है,
तेरी ही माला मुझे रटना है,
श्याम की होरी के रंग में रंगना है,
श्याम की होरी के रंग में रंगना है।
फागुन के महीने में,
आया खाटू का मेला,
भीड़ पड़ी भारी बाबा,
मेला है अलबेला,
बाबा मेरा बड़ा दयालु,
झोली सबकी भरता,
जो कर ले बस दिल से भक्ति,
सबके दुःख को हरता,
खाटू में आऊं यही सपना है,
बाबा मेरा बस तू ही अपना है,
श्याम की होरी के रंग में रंगना है,
श्याम की होरी के रंग में रंगना है।
Fagun 2024 - Shyam Ki Hori Ke Rang Me Rangna Hai | श्याम की होरी के रंग में रंगना है | Neha Khambia
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