चौदस की है रात करणी माँ आज थाने आणो है
चौदस की है रात करणी माँ आज थाने आणो है
चौदस की है रात
करणी मां आज थाने आणो है
म्हाने दर्श दिखानो है
चौदस की है रात
धोरां धरती में
है देवरो बनियो
आवे है नित जातरी
धोक चरना में
ये आपने केवे
हिवडा री बातड़ी
ओ दुखड़ा मेटनहार
दुखड़ा मेटनहार
साचो नाम मैया थारो है
म्हाने दर्श दिखानो है
चौदस की है रात
रूप शक्ति रो
त्रिशूल हाथा में
सोवे है सिर लोवनी
कंबाला रे माय
आसन तिहारो है
मूरत लागे मोवनी
ओ किनीयानी दातार
किनीयानी दातार
मोटो आपरो ठिकानो है
म्हाने दर्श दिखानो है
चौदस की है रात
दिन दुखीयारा
थे कष्ट मेटो मां
है परचा आपरा
भीड़ भगता री
थारे घणी लागे
चौदस की रात रा
ओ सुतो म्हारो भाग
सुतो म्हारो भाग
करणी आपने जगानो है
म्हाने दर्श दिखानो है
चौदस की है रात
कष्ट हर लिजो
मां लाज रख लिजो
अरज आ दास री
किरपा कर दीजो
सेवक ने दे दीजो
चरना री चाकरी
आज चरना में
आज चरना में
अशोक द्वार थारे आयो है
म्हाने दर्श दिखानो है
चौदस की है रात
चौदस की है रात
करणी मां आज थाने आणो है
म्हाने दर्श दिखानो है
चौदस की है रात
करणी मां आज थाने आणो है
म्हाने दर्श दिखानो है
चौदस की है रात
धोरां धरती में
है देवरो बनियो
आवे है नित जातरी
धोक चरना में
ये आपने केवे
हिवडा री बातड़ी
ओ दुखड़ा मेटनहार
दुखड़ा मेटनहार
साचो नाम मैया थारो है
म्हाने दर्श दिखानो है
चौदस की है रात
रूप शक्ति रो
त्रिशूल हाथा में
सोवे है सिर लोवनी
कंबाला रे माय
आसन तिहारो है
मूरत लागे मोवनी
ओ किनीयानी दातार
किनीयानी दातार
मोटो आपरो ठिकानो है
म्हाने दर्श दिखानो है
चौदस की है रात
दिन दुखीयारा
थे कष्ट मेटो मां
है परचा आपरा
भीड़ भगता री
थारे घणी लागे
चौदस की रात रा
ओ सुतो म्हारो भाग
सुतो म्हारो भाग
करणी आपने जगानो है
म्हाने दर्श दिखानो है
चौदस की है रात
कष्ट हर लिजो
मां लाज रख लिजो
अरज आ दास री
किरपा कर दीजो
सेवक ने दे दीजो
चरना री चाकरी
आज चरना में
आज चरना में
अशोक द्वार थारे आयो है
म्हाने दर्श दिखानो है
चौदस की है रात
चौदस की है रात
करणी मां आज थाने आणो है
म्हाने दर्श दिखानो है
चौदस की है रात
चौदश की है रात।।CHAUDAS KI HAI RAAT||CHIRJA||
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करणी माता की जीवनी और उनके चमत्कार राजस्थान की लोक संस्कृति में गहराई से समाए हुए हैं। ऐसा माना जाता है कि उन्होंने बीकानेर के राठौड़ वंश को स्थापित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई, विशेष रूप से राव बीका को आशीर्वाद देकर उनकी रियासत की नींव रखी। उनके जीवन के चमत्कारों में मृतकों को जीवित करना और यमराज से अपनी संतानों के लिए विशेष वरदान प्राप्त करना शामिल है, जिसके कारण मंदिर में चूहों को उनकी संतान के रूप में पूजा जाता है। देशनोक का मंदिर न केवल आध्यात्मिक केंद्र है, बल्कि यहाँ की अनूठी परंपरा, जैसे चूहों को प्रसाद चढ़ाना और उनके साथ भोजन साझा करना, इसे विश्व भर में प्रसिद्ध बनाती है। करणी माता की शिक्षाएँ, जो गौ-रक्षा, पर्यावरण संरक्षण और सामाजिक समरसता पर जोर देती हैं, आज भी प्रासंगिक हैं और भक्तों को प्रेरित करती हैं।
CHIRJA- "CHAUDASH KI HAI RAAT" FROM " KALYAN SINGH PALAWAT" ALBUM AVAILABLE ON YOUTUBE
चवदश की है रात करणी आज थाने आणो है, म्हाने दर्श दिखाणो है।।टेर।।
धोरा धरती में, है देवरो बनियो , आवे नित यात्री।
धोक चरणा में सौगात लेकर, जिया री बातड़ी
दुखडा मेटण हार, सांचो नाम मैया थारो है।।1।।
रूप शक्ति को त्रिशूल हाथों में, सोवे सिर लौवड़ी
गुभारा रे माय आसन तिहारो है, मूरत लागे मोहनी,
किनियानी दातार मोटो आपको ठिकाणो है।।3।।
दीन दुखियों रा कष्ट मेटो माँ,है पर्चा आपरा
भीड़ भगतारी थारे घणी आवे, चवदश री है रात्रि
सुत्यों म्हारो भाग , करणी आपने जगाणु है।।3।।
कष्ट हर लीज्यो माँ लाज रख लीज्यो , अरज आ दास री
कृपा कर दीजो सेवक ने दे दीज्यो चरणारी चाकरी
आज चरणा में, भक्त द्वार थारे आयो है।।4।।
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Author - Saroj Jangir
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