आलम-ऐ-बाला पर होशन्ना येशु गीत
आलम-ऐ-बाला पर होशन्ना Aalam Aie Bala Par Lyrics
आज रूह-ऐ-खुदा ने खाकी बदन पहेना है,
ताकि ये खाकी भी रूहानी बन जाए,
सब नविश्ते भी आज तो है पूरे हो गए,
बादशाह जिसके आगे है सर को जुकाऐ,
ना ज़रूरत रही अब कुर्बानीयो की,
अज़ल से ये ज़िबा बहुआ बरा,
जहाँ में आता है।
आलम-ऐ-बाला पर,
होशन्ना होशन्ना होशन्ना,
मुबारक है वो जो खुदावंद के,
नाम से आता है,
आता है।
ज़ररे ज़मी के इतरा रहे है,
पाँव खुदावंद के इनपे पड़े है,
फूलो मे भी आज खुशबू नई है,
है रात फिर भी एक रोशनी है,
सारे जहाँ में मंज़र जुदा है,
सबका मसीहा दुनिया में जो आता है।
आलम-ऐ-बाला पर,
होशन्ना होशन्ना होशन्ना,
मुबारक है वो जो खुदावंद के,
नाम से आता है,
आता है।
जिनको कभी ना इज़्ज़त मिली थी,
जिनकी ना कोई भी हैसियत थी,
उनकी तरफ एक फरिश्ता है आया,
सहेमे हुओ को आकर बताया,
अब ना डरो बस खुश रहो,
गम को मिटाने,
गम-ख़्वार अब आता है।
आलम-ऐ-बाला पर,
होशन्ना होशन्ना होशन्ना
मुबारक है वो जो खुदावंद के,
नाम से आता है,
आता है।
ताकि ये खाकी भी रूहानी बन जाए,
सब नविश्ते भी आज तो है पूरे हो गए,
बादशाह जिसके आगे है सर को जुकाऐ,
ना ज़रूरत रही अब कुर्बानीयो की,
अज़ल से ये ज़िबा बहुआ बरा,
जहाँ में आता है।
आलम-ऐ-बाला पर,
होशन्ना होशन्ना होशन्ना,
मुबारक है वो जो खुदावंद के,
नाम से आता है,
आता है।
ज़ररे ज़मी के इतरा रहे है,
पाँव खुदावंद के इनपे पड़े है,
फूलो मे भी आज खुशबू नई है,
है रात फिर भी एक रोशनी है,
सारे जहाँ में मंज़र जुदा है,
सबका मसीहा दुनिया में जो आता है।
आलम-ऐ-बाला पर,
होशन्ना होशन्ना होशन्ना,
मुबारक है वो जो खुदावंद के,
नाम से आता है,
आता है।
जिनको कभी ना इज़्ज़त मिली थी,
जिनकी ना कोई भी हैसियत थी,
उनकी तरफ एक फरिश्ता है आया,
सहेमे हुओ को आकर बताया,
अब ना डरो बस खुश रहो,
गम को मिटाने,
गम-ख़्वार अब आता है।
आलम-ऐ-बाला पर,
होशन्ना होशन्ना होशन्ना
मुबारक है वो जो खुदावंद के,
नाम से आता है,
आता है।
Aalam-e-bala par hoshana Lyrics(Christmas song)Agape sisters
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“आज रूह-ए-खुदा ने खाकी बदन पहेना है”
अर्थात् — आज ईश्वर की आत्मा ने मनुष्य का शरीर धारण किया है,
ताकि यह मिट्टी (खाक) भी पवित्र और रूहानी बन जाए।
यह पंक्तियाँ ईसा मसीह के जन्म का प्रतीक हैं — जब परमेश्वर ने मानव रूप में जन्म लिया।
अब बलिदानों (कुर्बानियों) की आवश्यकता नहीं रही, क्योंकि वही “सच्चा ज़िबा” (बलिदान योग्य) खुद दुनिया में आया है।
“आलम-ए-बाला पर, होशन्ना होशन्ना”
यह भाग स्वर्गिक स्तुति है।
“होशन्ना” हिब्रू शब्द है, जिसका अर्थ होता है — “हे प्रभु, हमें बचा।”
स्वर्गदूत और समस्त सृष्टि ईश्वर के धरती पर आगमन पर आनंद से गा रही है —
“मुबारक है वो जो खुदावंद के नाम से आता है।”
“ज़ररे ज़मी के इतरा रहे हैं, पाँव खुदावंद के इनपे पड़े हैं।”
यहाँ कहा गया है कि जब परमेश्वर धरती पर आए, तो मिट्टी के कण तक पवित्र हो गए,
फूलों में नई खुशबू है, रात में भी प्रकाश है — यह आध्यात्मिक प्रकाश का प्रतीक है।
पूरा संसार एक नए नज़ारे में बदल गया।
“जिनको कभी ना इज़्ज़त मिली थी, जिनकी ना कोई हैसियत थी,
उनकी तरफ एक फरिश्ता आया...”
यह भाग उस स्वर्गदूत की घोषणा को याद कराता है, जिसने चरवाहों को बताया था —
“डरो मत, आज तुम्हारे लिए उद्धारकर्ता का जन्म हुआ है।”
यह भजन ग़रीबों, दुखियों और निराश लोगों के लिए आशा और प्रेम का संदेश देता है।
जहाँ परमेश्वर स्वयं मानव रूप में धरती पर अवतरित होते हैं ताकि
दुख, भय और अंधकार को मिटाकर प्रेम, प्रकाश और उद्धार का मार्ग दिखा सकें।
अर्थात् — आज ईश्वर की आत्मा ने मनुष्य का शरीर धारण किया है,
ताकि यह मिट्टी (खाक) भी पवित्र और रूहानी बन जाए।
यह पंक्तियाँ ईसा मसीह के जन्म का प्रतीक हैं — जब परमेश्वर ने मानव रूप में जन्म लिया।
अब बलिदानों (कुर्बानियों) की आवश्यकता नहीं रही, क्योंकि वही “सच्चा ज़िबा” (बलिदान योग्य) खुद दुनिया में आया है।
“आलम-ए-बाला पर, होशन्ना होशन्ना”
यह भाग स्वर्गिक स्तुति है।
“होशन्ना” हिब्रू शब्द है, जिसका अर्थ होता है — “हे प्रभु, हमें बचा।”
स्वर्गदूत और समस्त सृष्टि ईश्वर के धरती पर आगमन पर आनंद से गा रही है —
“मुबारक है वो जो खुदावंद के नाम से आता है।”
“ज़ररे ज़मी के इतरा रहे हैं, पाँव खुदावंद के इनपे पड़े हैं।”
यहाँ कहा गया है कि जब परमेश्वर धरती पर आए, तो मिट्टी के कण तक पवित्र हो गए,
फूलों में नई खुशबू है, रात में भी प्रकाश है — यह आध्यात्मिक प्रकाश का प्रतीक है।
पूरा संसार एक नए नज़ारे में बदल गया।
“जिनको कभी ना इज़्ज़त मिली थी, जिनकी ना कोई हैसियत थी,
उनकी तरफ एक फरिश्ता आया...”
यह भाग उस स्वर्गदूत की घोषणा को याद कराता है, जिसने चरवाहों को बताया था —
“डरो मत, आज तुम्हारे लिए उद्धारकर्ता का जन्म हुआ है।”
यह भजन ग़रीबों, दुखियों और निराश लोगों के लिए आशा और प्रेम का संदेश देता है।
जहाँ परमेश्वर स्वयं मानव रूप में धरती पर अवतरित होते हैं ताकि
दुख, भय और अंधकार को मिटाकर प्रेम, प्रकाश और उद्धार का मार्ग दिखा सकें।
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