कृष्ण मुरारी हे गिरधारी बनवारी गोपाल हरे जय सीता राम सीता राम सीता राम सीता राम सीता सीता राम हरे। जय राधे श्याम राधे श्याम राधे श्याम राधे राधे राधे श्याम हरे।
नारायण का नाम सुमिर नर, कभी भुलाना ना चाहिए। पा कर मानव तन दुनिया में, व्यर्थ गंवाना ना चाहिए। जय सीता राम सीता राम सीता राम सीता राम सीता सीता राम हरे। जय राधे श्याम राधे श्याम राधे श्याम राधे राधे राधे श्याम हरे।
भज गोविंदं भज गोविंदं, गोविंदं भज मूढ़ मते। केशव माधव दीन दयाला, कृष्णा कृष्णा हरे हरे। जय सीता राम सीता राम सीता राम सीता राम सीता सीता राम हरे। जय राधे श्याम राधे श्याम राधे श्याम राधे राधे राधे श्याम हरे।
मानव जन्म है अनमोल, बंदे व्यर्थ गंवाना ना चाहिए। नाम जपे से भव तर जाए, इसे भुलाना ना चाहिए। जय सीता राम सीता राम सीता राम सीता राम सीता सीता राम हरे। जय राधे श्याम राधे श्याम राधे श्याम राधे राधे राधे श्याम हरे।
"बन" का अर्थ जंगल (वन) होता है, और "वारी" का अर्थ रक्षक या स्वामी होता है। श्रीकृष्ण बचपन में वृंदावन और गोकुल के वनों में ग्वाल-बालों के साथ विचरण करते थे, इसलिए उन्हें "बनवारी" कहा जाता है।
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