बैद्यनाथ अभयारिष्ट के फायदे उपयोग सेवन Benefits and Uses of Baidyanath Abhayarisht in Hindi
बैद्यनाथ अभयारिष्ट सिरप के फायदे और उपयोग Abhayarishtam Benefits and Uses
इस ओषधि के कई फायदे/लाभ होते हैं जिनमें से प्रमुख हैं पाचन को दुरुस्त करना, कब्ज दूर करना, अपच, पेट की गैस, मल त्याग को सुगम बनाना, मल को नरम करना (ठोस को ), पेट दर्द, पेट फूलना, गैस, बवासीर, शरीर की अधिक गर्मी आदि को दूर करने में सहायक है। इसके अतिरिक्त इस ओषधि के अन्य फायदों में विषाक्त प्रदार्थों को शरीर से बाहर निकालना, शरीर की शुद्धिकरण और भूख में वृद्धि आदि शामिल हैं। आइये बैद्यनाथ अभयारिष्ट के समस्त फायदों को विस्तार से जान लेते हैं।कब्ज को दूर करने के लिए अभयारिष्ट के फायदे
आयुर्वेद की इस ओषधि का प्रमुख फायदा है की यह कब्ज को दूर करने में सहायक है। आयुर्वेद के अनुसार खराब पाचन ही विभिन्न विकारों की जड़ है जो वात और पित्त के असंतुलन के कारण होती है। वर्तमान समय में खराब आहार विहार, बाजार के चटपटे खाने, अधिक मैदा युक्त भोजन, भोजन में फाइबर युक्त प्रदार्थों की कमी आदि से, अधिक चाय कॉफी से कब्ज होने लगता है। अभयारिष्ट के सेवन से पित्त और वात दोष संतुलित होता है और कब्ज दूर होता है पाचन दुरुस्त होता है।बवासीर के उपचार के लिए
बवासीर में गुदा मार्ग के आस पास गाँठ जैसे लक्षण दिखाई देते हैं जिनमें खुजली आती है और रक्त भी आने लगता है। यह प्रमुख रूप से खराब पाचन और आहार विहार की अनियमितताओं के कारण होता है। कब्ज होने से शरीर की गर्मी बढ़ती है और मल मार्ग पर जोर पड़ता है जिससे बवासीर की समस्या बढ़ती है। ऐसे में यह ओषधि मल को नरम करके मलत्याग को सुगम बनाती है। इस ओषधि के सेवन से पाचन सुधरता है और मल त्याग सुगम होता है। वात जब ठीक होने लगता हैं तो सूजन भी दूर होती है। इसके अतिरिक्त इस ओषधि में एंटीऑक्सीडेंट गुण होते हैं जो सूजन को दूर कर बवासीर में राहत देते हैं।पाचन को दुरुस्त करने के लिए
अभयारिष्ट के सेवन से पाचन तंत्र दुरुस्त रहता है। यह भोजन को गला कर पचाने में सहायक होता है। पेट के आफरा, गैस्ट्रिक रिफ्लक्स में यह ओषधि लाभकारी है।भूख वृद्धि में लाभकारी
बैद्यनाथ अभयारिष्ट के सेवन में भूख में वृद्धि होती है। पाचन अग्नि के मंद होने पर भोजन का पाचन नहीं हो पाता है जिससे भूख में कमी होने लगती है। ऐसे में आम बनने लगता है और भोजन में अरुचि होने लगती है। बैद्यनाथ अभयारिष्ट ऐसे तमाम विकारों में लाभकारी है।मूत्र विकारों में लाभकारी
बैद्यनाथ अभयारिष्ट के सेवन से पेशाब की जलन दूर होती है। मूत्र मार्ग के संक्रमण, गुर्दे की पथरी और सूजन को दूर करने में बैद्यनाथ अभयारिष्ट लाभकारी है। मल-मूत्र में रुकावट होने पर चिकित्सक की राय के अनुसार इस ओषधि का उपयोग किया जाता है।आँतों को शक्ति देने के लिए
बैद्यनाथ अभयारिष्ट के सेवन से आँतों को मजबूती मिलती है। यह दस्त को रोकती है और कब्ज दूर करती है जिससे आँतों में मल जमा नहीं हो पाता है। अच्छे पाचन से शरीर की कमजोरी दूर होती है।बैद्यनाथ अभयारिष्ट की कीमत Price of Baidyanath Abhayarishta
Baidyanath Abhayarisht (450 मिली) की कीमत ₹148 ₹32.89 प्रति ml (₹32.89 /100 ml) है।अभयारिष्ट का चिकित्सकीय उपयोग
- एंटीऑक्सीडेंट
- लैक्सेटिव
- गेस्ट्रोइंटेस्टाइनल मोटिलिटी
- एंटी-बैक्टीरियल
- रक्त को शुद्ध करने वाला
- एंटी-एजिंग
- विषहर
- डिटॉक्सिंग
अभयारिष्ट के सामान्य घटक General components of Abhayarishta
- अभया (Terminalia chebula)
- मृद्वीका (द्राक्षा) (Vitis vinifera Linn.)
- विडङ्ग (Embelia ribes)
- मधुक कुसुम (Schleichera oleosa)
- जल (Water)
- गुड़ (Jaggery)
- श्वदंष्ट्रा (गोक्षुर) (Tribulus terrestris)
- त्रिवृत्त (Operculina turpethum)
- धान्यक (Coriandrum sativum)
- धातकी (Woodfordia fruticosa)
- इन्द्रवारुणी (Citrullus colocynthis)
- चव्य (Piper retrofractum Vahl. )
- मधुरिका (मिश्रेया) (Foeniculum vulgare)
- शुण्ठी (Zingiber officinale)
- दन्ती (Baliospermum montanum)
- मोचरस (शाल्मली) (Salmalia malabarica)
अभयायास्तुलामेकां मृवीकार्द्धतुलां तथा। विडङ्गस्य दशपलं मधूककुसुमस्य च॥
चतुर्द्रोणे जले पक्त्वा द्रोणमेवावशेषयेत्। शीतीभूते रसे तस्मिन् पूते गुडतुलां क्षिपेत्॥
श्वदंष्ट्रा त्रिवृतां धान्यं धातकीमिन्द्रवारुणीम्। चव्यं मधुरिकां शुण्ठीं दन्तीं मोचरसं तथा॥
पलयुग्ममितं सर्वं पात्रे महति मृन्मये। क्षिप्त्वा संरुध्य तत्पात्रं मासमान्निधापयेत्॥
-भैषज्य रत्नावली 9/175-178
बैद्यनाथ के अनुसार अभयारिष्ट के फायदे Benefits of Abhayaarish according to Baidyanath
- सामान्य पाचन संबंधित बीमारियों में सहायक, जैसे कि पेट फूलना, कब्ज / Helpful in common digestive disorders like indigestion, constipation
- बवासीर, गैस, पेट का फूलना, कठिन मल, पेट का दर्द, और / Helpful in Piles, gas, abdominal distension, hard stools, abdominal pain, flatulence
- यह लिवर को डिटॉक्स करने और सारे विषैले तत्वों को शरीर से बाहर निकालने में मदद करता है / Helps in detoxing and cleaning the liver, by flushing out nasty toxins from the body
- यह भूख बढ़ाता है और पाचन को सुधारता है / It increases appetite and improves digestion
- विषाक्त अंतःशोधन के रूप में उपयोगी है, जिससे आलेखार में से विषाक्ति होती है। / Useful as intestine detox to eliminate toxins from the alimentary canal
श्री बैद्यनाथ अभयारिष्ट जिसे (अभयारिष्टम) या अभ्यारिष्ट के रूप में भी जाना जाता है, 14 प्राकृतिक और आयुर्वेदिक जड़ी-बूटियों से तैयार किया जाता है, जैसे कि क्वाथ द्रव्य-हरड़ गुठलीरहित, मुनक्का, वैविदंग, मधुका, प्रक्षेप द्रव्य, गोखरू, त्रिवृत्त जड़, धनिया, धय फूल, इंद्रवारुणी, सौंफ, चव्या, सूंठ, दंती जड़, मोचरस, गुड़ (गुड़) और पानी। इन घटक को अभयारिष्ट डिकॉक्शन में मिलाया जाता है और इसके बाद इसे प्राकृतिक आस्वादन के लिए रखा जाता है, जिसके बाद तरल को छानने के बाद इसे कांच की बोतलों में रखा जाता है और इसे उपयोग के लिए तैयार किया जाता है। इसमें उपयोग सामान्य पाचन संबंधित बीमारियों में को दूर करने में सहायक हैं, जैसे कि पेट फूलना, कब्ज, गैस, पेट का फूलना, बवासीर, मल का सख्त हो जाना, पेट दर्द। यह शरीर से विषैले प्रदार्थ बाहर निकालकर लिवर को साफ करने में सहायक है। बैद्यनाथ अभयारिष्ट के सेवन से कब्ज, बवासीर में सख्त मल को नरम करने के लिए किया जाता है। यह गैस, फ्लैटुलेंस, पेट का फूलना और मूत्रसंधि को दूर करता है। यह भूख बढ़ाता है और पाचन को सुधारता है । रक्तस्राव या बिना रक्तस्राव की बवासीर के निदान में लाभकारी है। अभयारिष्ट एक शक्तिशाली पाचन को बढाने वाली ओषधि है और बैद्यनाथ सिरप के कार्मिनेटिव प्रकृति के कारण यह पेट और आँतों के स्वास्थ्य को बढाने वाला है और पाचन रसों का उत्सर्जन बढ़ाता है और इसके माध्यम से आंतों के माध्यम से पोषण को अच्छी तरह से अवशोषण करता है और आपके पाचन में सुधार करता है। पारंपरिक भारतीय चिकित्सा प्रणाली में बैद्यनाथ अभयारिष्ट एक श्रेष्ठ ओषधि है। यह एक आसव है जो की पाचक अग्नि को उत्तेजित कर पाचन विकारों में लाभकारी है।
बैद्यनाथ अभयारिष्ट के सेवन में सावधानिय Abhyarishtam Precautions
इस ओषधि का सेवन मनमाने ढंग से ना करें, उपयोग में लेने से पूर्व वैद्य की सलाह अवश्य ही प्राप्त कर लें।निर्धारित मात्रा से अधिक का सेवन ना करें।
आहार विहार, व्यायाम का ध्यान रखें।
अभयारिष्ट की खुराक Abhayarishtam Doses
सामान्य रूप से 12-24 ml अभयारिष्ट पानी के साथ लिया जाता है लेकिन आपको इस हेतु चिकित्सक का परामर्श अवश्य ही प्राप्त कर लेना चाहिए।अभयारिष्ट से जुड़े सामान्य प्रश्न और उत्तर
अभयारिष्ट कौन सी बीमारी में काम आता है?अभयारिष्ट के सेवन से कब्ज दूर होता है और पाचन तंत्र को शक्ति मिलती है। यह अजीर्ण, बवासीर, गैस, खट्टी डकारों की रोकथाम में उपयोगी है। यह मल त्याग को सुगम करता है और आँतों को शक्ति देता है।
अभयारिष्ट बवासीर की रोकथाम में उपयोगी है जो की कब्ज को दूर करती है और मल त्याग को सुगम बनाती है। इसके सेवन से गुदा मार्ग पर जोर नहीं पड़ता है। अधिक जानकारी के लिए आपको चिकित्सक की राय लेनी चाहिए और पेट में गर्मी वाले खाद्य प्रदार्थों से परहेज करना चाहिए।
आईबीएस रोग में पाचन गड़बड़ा जाता है जिसके लिए वैद्य की सलाह के अनुसार अभयारिष्ट का सेवन लाभकारी है।
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The author of this blog, Saroj Jangir (Admin),
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diploma in Naturopathy and Yogic Sciences. This blog post, penned by me,
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Samhita, Bhav Prakash Nighantu, and Ras Tantra Sar Samhita. Drawing from
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