भाईदूज जानकें मोहन लिरिक्स Bhaiduj Janke Mohan Lyrics
भाईदूज जानकें मोहन,
बहेन सुभद्राको न्योतावत,
उबट न्हवाय दोउ भैया,
बल वागो अतलस लाल बनावत।
चीरा हो बांध शिर उपर,
आभुषण पहेरावत,
पूरी दही भात थारी भर,
रोहिणी सब साज मगावत।
कीनो तिलक सुभद्रा बहेनी,
नीरांजन कर हर्ष बढावत,
जेंमत बलराम श्याम प्रीतिसों,
मांगलेत जोजो मनभावत।
मुख प्रक्षाल बीरी हसिदेकें,
भगिनी पान दे पुन शिरनावत,
देत असीस सदा चिरजीयो,
द्वारकेश नित्य प्रति गणगावत।
बहेन सुभद्राको न्योतावत,
उबट न्हवाय दोउ भैया,
बल वागो अतलस लाल बनावत।
चीरा हो बांध शिर उपर,
आभुषण पहेरावत,
पूरी दही भात थारी भर,
रोहिणी सब साज मगावत।
कीनो तिलक सुभद्रा बहेनी,
नीरांजन कर हर्ष बढावत,
जेंमत बलराम श्याम प्रीतिसों,
मांगलेत जोजो मनभावत।
मुख प्रक्षाल बीरी हसिदेकें,
भगिनी पान दे पुन शिरनावत,
देत असीस सदा चिरजीयो,
द्वारकेश नित्य प्रति गणगावत।
Bhai Dooj Ke Kirtan - भाईदूज जानकें मोहन बहेन सुभद्राको न्योतावत ॥
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Author - Saroj Jangir
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