डायबिटीज रोगियों के लिए आटे में मिलाएं ये चीजें

डायबिटीज रोगियों के लिए आटे में मिलाएं ये चीजें Diabetes Ke Liye Aate Me Milaye Methi Kali Mirch Haldi

डायबिटीज रोग में जितना ध्यान दवाइयों का होता है उतना ही खाने पीने, जीवन शैली पर ध्यान रखने का होता है। खाने पीने में लापरवाही का नतीजा डायबिटीज को बढ़ा सकता है। क्योंकि यदि हम अपने आहार के प्रति यदि लापरवाह हो जाते हैं तो इसका सीधा असर ब्लड शुगर पर पड़ता है। कई बार हम सीधे कोई उपाय करने में असहज होते हैं, ऐसे में आप रोटियां बनाने के आटे में कई ऐसे खाद्य प्रदार्थ मिला (What Mix Aata For Diabetes) सकते हैं जिनसे आप डायबिटीज का नियंत्रण कर सकते हैं। 
 
डायबिटीज रोगियों के लिए आटे में मिलाएं ये चीजें

ब्लड शुगर लेवल के नियंत्रण के लिए आटे में मिलाएं ये चीजें Control blood sugar level by mixing these things in wheat flour

ब्लड शुगर लेवल को कन्ट्रोल करने के लिए थोड़ी मात्रा में आप निम्न चीजों को मिला दें तो धीरे धीरे आपको इसके सकारात्मक परिणाम देखने को मिलते हैं। 

आटे में मिलाएं मेथी बीज

डायबिटीज के नियंत्रण के लिए आप मेथी को मिक्सी में आटे जैसा पीस लें और आवश्यकतानुसार इसे रोटियों के लिए आटे को गूंथने के दौरान मिला दें। आटे में मेथी को मिलाने से रोटियां  ग्लाइसेमिक इंडेक्स वाली बन जाती हैं जो की शुगर के लेवल को बढ़ने को रोकती हैं। हेल्थ एक्सपर्ट्स के अनुसार डायबिटीज के नियंत्रण में मेथी का अहम् योगदान होता है। मेथी की तासीर कुछ गर्म होती है और स्वाद कड़वा होता है। मधुमेह के अतिरिक्त यह मोटापे और कोलेस्ट्रॉल को कम करने में भी लाभकारी है। मेथी ग्लूकोज टॉलरेंस को बढ़ाती है। यदि आप आटे में इसे नहीं मिलाना चाहते हैं तो आप एक छोटी चम्मच मेथी चूर्ण/पाउडर को गुनगुने पानी के साथ नित्य सुबह खाली पेट ले सकते हैं। 

चना आटा या बेसन

मेथी के अलावा आप बेसन को भी थोड़ी मात्रा में रोटियों में मिला सकते हैं। ऐसा करके आपको प्रोटीन की मात्रा तो मिलेगी ही और शुगर भी मेंटेन रहती है। 

काली मिर्च और हल्दी

आटे में थोड़ी मात्रा में काली मिर्च और हल्दी को मिलाना भी लाभकारी होता है। इससे डाइबिटीज को कंट्रोल करने में सहायता मिलती है। हल्दी और काली मिर्च में एंटी इंफ्लेमेंटरी और एंटी बैक्टेरियल प्रॉपर्टीज तो होती ही हैं, साथ ही इससे शुगर के लेवल को कण्ट्रोल करने में भी सहायता मिलती है। काली मिर्च piperine का अच्छा स्त्रोत है जो इंसुलिन सेंसिटिविटी के नियंत्रण में मददगार होता है। यदि आप इसे आटे में नहीं मिलाना चाहते हैं तो आप कालीमिर्च पाउडर या त्रिकटु चूर्ण का सेवन खाने के एक घंटे पहले गुनगुने पानी के साथ करें।

मूंग दाल का आटा

गेहूं के आटे में आप मूंगदाल का आटा भी मिला सकते हैं जो की फाइबर का अच्छा स्त्रोत होता है। इससे बार बार भूख नहीं लगती है और डाइबिटीज में भी लाभ मिलता है। 

अखरोट और बादाम का पाउडर

डाइबिटीज के रोगियों को पोषण देने के लिए आप अखरोट और बादाम का आटा बनाकर भी गेंहू के आटे में मिलाकर इससे रोटियां बनाएं। अखरोट और बादाम के इस आटे से प्रोटीन, विटामिन और मिनरल्स की प्राप्ति होती है जो मधुमेह विकार में रोगियों को उचित पोषण देते हैं। 

डाइबिटीज रोग में क्या खाना चाहिए?

  • शुगर पेशेंट को सामक चावल, दलिया, जौ, सूजी, गेहूं इत्यादि का सेवन करना चाहिए।
  • दाल में हरे चने, काबुली चने, अरहर दाल, कुलथी की दाल, आदि का सेवन हितकर होता है।
  • संतरा, चेरी, नाशपाती, सेब, कीवी आदि फलों का सेवन डाइबिटीज में करना चाहिए।
  • पालक, कच्चा केला, बीन्स, कच्चा पपीता, शिमला मिर्च, करेला इत्यादि हरी सब्जियों का सेवन करना चाहिए जिनमें फाइबर अधिक होते हैं।  
  • आप दालचीनी का उपयोग भी कर सकते हैं जो की इंसुलिन रेजिस्टेंस को कम करने में सहायक होता है। 

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Saroj Jangir Author Author - Saroj Jangir

दैनिक रोचक विषयों पर में 20 वर्षों के अनुभव के साथ, मैं इस ब्लॉग पर रोचक और ज्ञानवर्धक जानकारियों और टिप्स यथा आयुर्वेद, हेल्थ, स्वास्थ्य टिप्स, पतंजलि आयुर्वेद, झंडू, डाबर, बैद्यनाथ, स्किन केयर आदि ओषधियों पर लेख लिखती हूँ, मेरे इस ब्लॉग पर। मेरे लेखों का उद्देश्य सामान्य जानकारियों को पाठकों तक पहुंचाना है। मैंने अपने करियर में कई विषयों पर गहन शोध और लेखन किया है, जिनमें जीवन शैली और सकारात्मक सोच के साथ वास्तु भी शामिल है....अधिक पढ़ें

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