फागण की मस्ती तेरे भक्तों में छाई है
फागण की मस्ती तेरे भक्तों में छाई है लिरिक्स Fagan Ki Masti Bhajan
फागण की मस्ती तेरे,
भक्तों में छाई है,
खाटू की माटी में खुशबू,
इत्र की आई है,
फागण की मस्ती तेरे,
भक्तों में छाई है।
बाबा फागण का मेला,
भक्तों के मन को भाये,
लाखों प्रेमी तेरे दर पे,
आकर के शीश झुकाये,
तू सुनता है उन सबकी,
जो अर्जी लगाई है,
खाटू की माटी में खुशबू,
इत्र की आई है।
जब फागण मेला आये,
भक्तों में खुशियां छाये,
कोई रंग अबीर उड़ाये,
कोई भर पिचकारी लाये,
कोई नाच कूदकर,
श्याम धणी की महिमा गाई है,
खाटू की माटी में खुशबू,
इत्र की आई है।
दीपक ने तेरे दर पे,
जब जयकारा लगवाया,
मेरा बाबा खाटू वाला
होली खेलण को आया,
भक्तों के संग में खेल रहे,
मेरे श्याम कन्हाई है,
खाटू की माटी में खुशबू,
इत्र की आई है।
फागण की मस्ती तेरे,
भक्तों में छाई है,
खाटू की माटी में खुशबू,
इत्र की आई है,
फागण की मस्ती तेरे,
भक्तों में छाई है।
भक्तों में छाई है,
खाटू की माटी में खुशबू,
इत्र की आई है,
फागण की मस्ती तेरे,
भक्तों में छाई है।
बाबा फागण का मेला,
भक्तों के मन को भाये,
लाखों प्रेमी तेरे दर पे,
आकर के शीश झुकाये,
तू सुनता है उन सबकी,
जो अर्जी लगाई है,
खाटू की माटी में खुशबू,
इत्र की आई है।
जब फागण मेला आये,
भक्तों में खुशियां छाये,
कोई रंग अबीर उड़ाये,
कोई भर पिचकारी लाये,
कोई नाच कूदकर,
श्याम धणी की महिमा गाई है,
खाटू की माटी में खुशबू,
इत्र की आई है।
दीपक ने तेरे दर पे,
जब जयकारा लगवाया,
मेरा बाबा खाटू वाला
होली खेलण को आया,
भक्तों के संग में खेल रहे,
मेरे श्याम कन्हाई है,
खाटू की माटी में खुशबू,
इत्र की आई है।
फागण की मस्ती तेरे,
भक्तों में छाई है,
खाटू की माटी में खुशबू,
इत्र की आई है,
फागण की मस्ती तेरे,
भक्तों में छाई है।
Fagun Ki Masti Tere BHakto Pe Chai Hai | फागुन की मस्ती तेर भक्तो पे छाई है | Upasana Mehta | Fagun
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