गागर ऐसी घड़जे रे लिरिक्स Gagar Aisi Ghadje Re Bhajan Lyrics

गागर ऐसी घड़जे रे लिरिक्स Gagar Aisi Ghadje Re Bhajan Lyrics



गागर ऐसी घड़जे रे लिरिक्स Gagar Aisi Ghadje Re Bhajan Lyrics

गागर ऐसी घड़जे रे,
कान्हा रे कुमार,
गागर ऐसी घड़जे रे।

कठा सु तो गार मंगाई,
कठा सु या लाद,
कस्या कुंवा को पाणी,
मंगायो कुण घड़ावे गार,
गागर ऐसी घड़ जे रे,
कान्हा रे कुमार,
गागर ऐसी घड़ जे रे।

सु तो गार मंगाई,
मथुरा सु या लाद,
जल जमुना को पाणी मंगायो,
कान्हो घड़ावे गार,
गागर ऐसी घड़ जे रे,
कान्हा रे कुमार,
गागर ऐसी घड़ जे रे।

नीचे मंडा ज बेलड़ी रे,
ऊपर मंडा ज मोर,
निरखण वाली छैल छबीली,
कुण चुकावे मोल,
गागर ऐसी घड़ ज रे,
कान्हा रे कुमार,
गागर ऐसी घड़ जे रे।

माखन धरजे मिश्री धरजे,
प़छे चुका जे मोल,
वृंदावन की कुंज गलियां में,
कान्हो माखन चोर,
गागर ऐसी घड़ जे रे,
कान्हा रे कुमार,
गागर ऐसी घड़ जे रे।

राधा आयी रुकमण आयी,
सखियां आयी साथ,
यमुना जी क घाट ऊपर,
कान्हो जोवे बाट,
गागर ऐसी घड़ ज रे,
कान्हा रे कुमार,
गागर ऐसी घड़ जे रे।

चंद्रसखी कि विनती जी,
सुणजो सृजनहार,
गागर घड़ जो,
दर्शन दीज्यो,
गागर ऐसी घड़ जे रे,
कान्हा रे कुमार,
गागर ऐसी घड़ जे रे।


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