घर में रहै तो भक्ति करू नातरू करू बैराग हिंदी मीनिंग Ghar Me Rahe to Bhakti Karu Meaning

घर में रहै तो भक्ति करू नातरू करू बैराग हिंदी मीनिंग Ghar Me Rahe to Bhakti Karu Meaning : Kabir Ke Dohe Hindi Arth/Bhavarth

घर में रहै तो भक्ति करू, नातरू करू बैराग |
बैरागी बन्धन करै, ताका बड़ा अभागा ||
 
Ghar Me Rahe To Bhakti Karu, Nataru Karu Bairag,
Bairagi Bandhan Kare, Taka Bada Abhaag.
 
घर में रहै तो भक्ति करू नातरू करू बैराग हिंदी मीनिंग Ghar Me Rahe to Bhakti Karu Meaning : Kabir Ke Dohe Hindi Arth/Bhavarth

कबीर के दोहे का हिंदी मीनिंग (अर्थ/भावार्थ) Kabir Doha (Couplet) Meaning in Hindi

भक्ति के सम्बन्ध में वर्णन है की घर में रहे तो हमें भक्ति करनी चाहिए और यदि घर का त्याग कर दिया है तो वैराग्य से प्रेम करना चाहिए। यदि कोई घर बार को छोड़कर कोई भक्ति करता है और फिर भी वह गृहस्थ जीवन में अपना ध्यान लगाता है तो समझो की उसका सबसे बड़ा दुर्भाग्य ही है। अतः साधक को चाहिए की यदि वह गृहस्थ धर्म का पालन करता है तो घर पर ही रहकर दास्य भाव रखें और यदि वह ग्रहस्त धर्म को छोड़कर वैराग्य को धारण करे तो उसे पुनः अपने परिवार के विषय में ध्यान नहीं करना चाहिए। 
 
इस दोहे में संत कबीर दास जी साधुओं के लिए दो मार्ग बताते हैं। पहला मार्ग है घर में रहकर गुरु की भक्ति करना। दूसरा मार्ग है घर त्याग कर वैराग्य करना। यदि कोई साधु घर में रहता है, तो उसे गुरु की भक्ति करनी चाहिए। उसे सांसारिक मोह-माया से दूर रहना चाहिए। उसे घर के कामकाज में नहीं उलझना चाहिए। उसे अपना सारा समय गुरु की सेवा और भक्ति में लगाना चाहिए।

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