गिरधर सब ही अंग को बांको लिरिक्स Girdhar Sabhi Ang Ko Banko Lyrics
गिरधर सब ही अंग को बांको,
गिरधर सब ही अंग को बांको।
बांकी चाल चलत गोकुल में,
छैल छबीलो काको,
गिरधर सब ही अंग को बांको।
बांकी भोंह चरन गति बांकी,
बांको हृदय है ताको,
गिरधर सब ही अंग को बांको।
परमानंददास को ठाकुर,
कियो खोर ब्रज सांको,
गिरधर सब ही अंग को बांको।
गिरधर सब ही अंग को बांको।
बांकी चाल चलत गोकुल में,
छैल छबीलो काको,
गिरधर सब ही अंग को बांको।
बांकी भोंह चरन गति बांकी,
बांको हृदय है ताको,
गिरधर सब ही अंग को बांको।
परमानंददास को ठाकुर,
कियो खोर ब्रज सांको,
गिरधर सब ही अंग को बांको।
।। गिरधर सब ही अंग को बांको ।। श्री परमानंददासजी पद ।। श्री इंद्रेशजी ।। राग गौरी ।। तलहटी । Talhati
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