गुरुदेव दया हम पर कीजे लिरिक्स
गुरुदेव दया हम पर कीजे,
कर भव से पार हमें लीजे,
हम मूढ़मति हम अज्ञानी,
बल बुद्धि ज्ञान हमें दीजे।
जो कोई तेरी शरण पड़ा,
संसार में दर्जा उसका बड़ा,
नहीं उसको व्यापे जन्म जरा,
हम को भी शरण लगा लीजे।
हम बालक तू पितु माता है,
बिन तेरे न और सुखदाता है,
तुझ संग ही सच्चा नाता है,
यह नाता नाथ निभा दीजे।
हम तुझको भूल भी जाते हैं,
धोखा भी अक्सर खाते हैं,
फिर रो रो कर पछताते हैं,
सब भूल हमारी क्षमा कीजे।
कभी तुझ से दूर जो रहते हैं,
दिन रात मुसीबत सहते हैं,
दुःख में पड़ कर यों कहते हैं,
हम पर भगवन कृपा कीजे।
कोई तुझ सा दीन दयाल नहीं,
अपना रक्षक प्रतिपाल नहीं,
तुम्हरे सुमिरण जम जाल नहीं,
सुमिरण और ध्यान हमें दीजे।
रहे मन में तेरा विश्वास सदा,
मन चरण कमल के पास सदा,
करे विनती दासनदास सदा,
चरणों से न अपने जुदा कीजे।
गुरुदेव दया हम पर कीजे,
कर भव से पार हमें लीजे,
हम मूढ़मति हम अज्ञानी,
बल बुद्धि ज्ञान हमें दीजे।
गुरुदेव दया हम पर कीजे कर भव से पार हमें लीजे । Shri Anandpur Dham Bhajans | SSDN
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