हे करुणा की सागर हे ममता मई माँ
हे करुणा की सागर हे ममता मई माँ लिरिक्स
हे करुणा की सागर हे ममता मई माँ,
मैं तेरा हूँ माता मुझे तुम संभालो,
मैं चरणों में तेरे माँ आन पड़ा हूँ,
जगत के भंवर से मुझे तुम निकालो,,
हे करुणा की सागर हे ममता मई माँ।
तेरा नाम दाती है दीन दयाला,
है लाखों को तूने भंवर से निकाला,
हूँ मैं भी तो मैया तुम्ही से ही बिछड़ा,
हो फूल कोई जैसे डाली से उखड़ा,
जगत ही तपश से मैं मुरझा ना जाऊँ,
मुझे भी माँ अब तो गोदी बिठा लो,
हे करुणा की सागर हे ममता मई माँ।
तुम्हें ना पुकारूँ तो किसको पुकारूँ,
मैं सपनों में मैया तेरी छब निहारूँ,
तू पतितों की रक्षक मेरी मात अम्बे,
तू है भक्त वत्सल तू ही जगदम्बे,
दया मई दाती दया अब तो कर दो,
ये दास अकिंचन को अब माँ बचा लो,
हे करुणा की सागर हे ममता मई माँ।
जगत के झमेलों ने मुझको रुलाया,
जो है सच्ची प्रीती उसी से भुलाया,
ना दर दर भटकना मुझे अब भवानी,
हैं दिल में जो बातें तुम्हीं को सुननी,
मुझे अपनी यादों के अश्रु माँ दे दो,
माँ अपने ही आंचल में मुझको छुपालो,
हे करुणा की सागर हे ममता मई माँ।
तेरे नाम की ज्योती हृदय में मेरे,
मेरा ध्यान मैया जी चरणों में तेरे,
परिपक्व हो और कबहूं ना बिसरे,
तेरी भक्ति करके माँ पल पल ये निखरे,
तुम अपनाके मुझको माँ अपना ही करलो,
के अपने में मैया जी मुझको समा लो,
हे करुणा की सागर हे ममता मई माँ।
मैं पापी हूँ मैया तू है पाप भंजन,
तू कर दे दया माँ तेरे वर निरंजन,
तू भोली तेरे भोले भाले भंडारी,
वो नंदी पे बैठे तू सिंह पे सवारी,
तू भक्तों की मैया जी भूलें भुलाए,
मेरे पापों को मैया दिल से भुला लो,
हे करुणा की सागर हे ममता मई माँ।
माँ की दया की सीमा ना होती,
हो बालक मलीन तो माँ ही है धोती,
मेरे मन को ऐसा माँ निर्मल बनाके,
मुझे तू माँ अपने ही हाथों सजाके,
माँ अपने ही काबिल मुझे तुम बनाके,
यूँ भक्ती के पथ पे मुझे माँ चला लो,
हे करुणा की सागर हे ममता मई माँ।
माँ तेरी ही इच्छा से संसार सारा,
करी तूने करुणां मुझे है पुकारा,
जहाँ रखना अपनी लगन में ही रखना,
मुझे तेरी भक्ती का रस है माँ चखना,
मैं मैया तेरा हूँ तेरा ही रहूँगा,
मेरे चित को अपने में माता लगा लो,
हे करुणा की सागर हे ममता मई माँ।
मैं तेरा हूँ माता मुझे तुम संभालो,
मैं चरणों में तेरे माँ आन पड़ा हूँ,
जगत के भंवर से मुझे तुम निकालो,,
हे करुणा की सागर हे ममता मई माँ।
तेरा नाम दाती है दीन दयाला,
है लाखों को तूने भंवर से निकाला,
हूँ मैं भी तो मैया तुम्ही से ही बिछड़ा,
हो फूल कोई जैसे डाली से उखड़ा,
जगत ही तपश से मैं मुरझा ना जाऊँ,
मुझे भी माँ अब तो गोदी बिठा लो,
हे करुणा की सागर हे ममता मई माँ।
तुम्हें ना पुकारूँ तो किसको पुकारूँ,
मैं सपनों में मैया तेरी छब निहारूँ,
तू पतितों की रक्षक मेरी मात अम्बे,
तू है भक्त वत्सल तू ही जगदम्बे,
दया मई दाती दया अब तो कर दो,
ये दास अकिंचन को अब माँ बचा लो,
हे करुणा की सागर हे ममता मई माँ।
जगत के झमेलों ने मुझको रुलाया,
जो है सच्ची प्रीती उसी से भुलाया,
ना दर दर भटकना मुझे अब भवानी,
हैं दिल में जो बातें तुम्हीं को सुननी,
मुझे अपनी यादों के अश्रु माँ दे दो,
माँ अपने ही आंचल में मुझको छुपालो,
हे करुणा की सागर हे ममता मई माँ।
तेरे नाम की ज्योती हृदय में मेरे,
मेरा ध्यान मैया जी चरणों में तेरे,
परिपक्व हो और कबहूं ना बिसरे,
तेरी भक्ति करके माँ पल पल ये निखरे,
तुम अपनाके मुझको माँ अपना ही करलो,
के अपने में मैया जी मुझको समा लो,
हे करुणा की सागर हे ममता मई माँ।
मैं पापी हूँ मैया तू है पाप भंजन,
तू कर दे दया माँ तेरे वर निरंजन,
तू भोली तेरे भोले भाले भंडारी,
वो नंदी पे बैठे तू सिंह पे सवारी,
तू भक्तों की मैया जी भूलें भुलाए,
मेरे पापों को मैया दिल से भुला लो,
हे करुणा की सागर हे ममता मई माँ।
माँ की दया की सीमा ना होती,
हो बालक मलीन तो माँ ही है धोती,
मेरे मन को ऐसा माँ निर्मल बनाके,
मुझे तू माँ अपने ही हाथों सजाके,
माँ अपने ही काबिल मुझे तुम बनाके,
यूँ भक्ती के पथ पे मुझे माँ चला लो,
हे करुणा की सागर हे ममता मई माँ।
माँ तेरी ही इच्छा से संसार सारा,
करी तूने करुणां मुझे है पुकारा,
जहाँ रखना अपनी लगन में ही रखना,
मुझे तेरी भक्ती का रस है माँ चखना,
मैं मैया तेरा हूँ तेरा ही रहूँगा,
मेरे चित को अपने में माता लगा लो,
हे करुणा की सागर हे ममता मई माँ।
HE KARUNA KI SAGAR HE MAMTA MAI MAA (MANINDER JI )
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