डाबर रसराज के फायदे उपयोग सेवन विधि Dabur Rasraj Ras Ke Fayde Upyog

डाबर रसराज के फायदे उपयोग सेवन विधि Dabur Rasraj Ras Ke Fayde Upyog Sevan Vidhi

डाबर रसराज रस (स्वर्ण युक्त) एक आयुर्वेदिक ओषधि है, जिसे प्रधान रूप से डाबर, बैद्यनाथ (बैद्यनाथ रसराज रस के फायदे)। यह ओषधि रसायन है यानी की शरीर को पोषण देकर उसे स्वस्थ रहने में मददगार है। यह ओषधि शरीर की ताकत और प्रतिरक्षा को बढ़ावा देने में विशेष लाभकारी है। रसराज रस के विस्तृत जानकारी के लिए आप यहाँ पढ़ें : रसराज रस के सम्पूर्ण फायदे. इसे पक्षाघात, अर्धिता, हनुस्तम्भ, अपतनक, धनुस्तम्भ, बद्धिर्य, मस्तकभ्रम, बल्य, और वृष्य जैसी वात असंतुलन विकारों के इलाज के लिए उपयोग में लिया जाता है। आइये इस लेख में हम डाबर रसराज रस के उपयोग, सेवन विधि और फायदों के विषय में जान लेते हैं। 
 
डाबर रसराज के फायदे उपयोग सेवन विधि Dabur Rasraj Ras Ke Fayde Upyog

डाबर रसराज रस क्या है What is Dabur Rasraj Ras?

डाबर रसराज रस एक आयुर्वेदिक ओषधि है जो वटी रूप / टेबलेट्स में है। यह आयुर्वेद के महान ग्रंथों में वर्णित विधि की पालना करते हुए तैयार की जाती है। इसके समस्त घटक शरीर को पुष्ट करने वाले और कमजोरी को दूर करने वाले हैं। 

रसराज रस के फायदे/लाभ Advantages/Benefits of Rasraj Ras

  • आयुर्वेद विज्ञान में रसराज रस को एक रसायन कहा गया है जो बलवर्धक, ओज बढ़ाने वाला, शक्तिवर्धक और शारीरिक कमजोरी के अतिरिक्त मानसिक कमजोरी को दूर करती है।
  • रसराज रस त्रिदोष नाशक है, आशय है की यह ओषधि वात, कफ और पित्त को संतुलित करती है। विशेष रूप से यह वात जनित विकारों में लाभकारी है।
  • वीर्य वर्धक और वीर्य को पुष्ट करता है रसराज रस, आशय है की इसके सेवन से यौन दुबलता दूर होती है।
  • अधिक हस्तमैथुन जनित दुर्बलता को दूर करने में लाभकारी है।
  • यह भ्रम, स्मरण शक्ति का लोप, मानसिक कमजोरी को दूर करती है।
  • अनीमिया रोग को दूर कर लोहे की कमी को दूर करती है।
  • मांशपेशियों की शिथिलता को दूर कर उनको पुष्ट और बलकारी बनाता है।
  • जोड़ों का दर्द, कमर दर्द, पक्षाघात, मुंह का एक तरफ टेढ़ा हो जाना, शरीर की कमजोरी, गठिया रोग, गर्दन का दर्द आदि में लाभकारी।
  • वृद्धावस्था के दर्द/कमजोरी में लाभदाई।
  • मस्तिष्क की कोशिकाओं की कमजोरी को दूर करने के लिए उपयोगी है।
  • एंटी इफ्लेमेंटरी गुण होने के कारण शरीर की आंतरिक सूजन को दूर करने में सहायक।
  • कार्डियक टॉनिक गुणों के कारण हृदय के लिए प्रभावी हैं।
  • गर्भाशय की दुर्बलता को दूर करने में लाभकारी।
  • तंत्रिका तंत्र के विकार यथा पक्षाघात, हेमटेजिया और चेहरे के पक्षाघात आदि को दूर करने के लिए।
  • वृद्धावस्था की कमजोरी को दूर करने में सहायक।
  • जीवन शक्ति और ओजवर्धक।
  • वात रोगों में विशेष रूप से लाभकारी।
  • हृदय की कमजोरी में लाभकारी।
  • प्रमेह रोग में लाभकारी।
  • नपुंसकता दूर करने के लिए।
  • शारीरिक और मानसिक दुर्बलता।
  • वातवाहिनी नाड़ी के सुधार में लाभकारी है।
  • महिला एवं पुरुष दोनों के यौन रोगों में यह कारगर औषधि एंव प्रभावी।
  • प्रमेह रोग में इस दवा में लाभकारी।
  • सम्पूर्ण बलवर्धक एवं वीर्यवर्धक है |
  • रसराज रस त्रिदोषनाशक होती है।
  • बल बुद्धि एवं कांति बढ़ाने के लिए उपयोगी रसायन।
  • मूत्र विकारों को दूर करने के लिए।
  • शुक्रवर्धक है |
  • रसराज रस उच्च रक्तचाप की समस्या लाभकारी।
  • यह रक्तादि धातुओं का वर्धन कर शक्ति देने वाली ओषधि है।
  • वृद्धावस्था के कारण अंगो में शिथिलता, कमजोरी को दूर करने के लिए।
  • हड्डियों की कमजोरी को दूर कर हड्डियों को मजबूती देता है।
  • रसराज रस का नियमित सेवन थकान और कमजोरी को दूर करती है।
  • यह ओषधि रोग प्रतिरोधक क्षमता/प्रतिरक्षा को बढ़ाती हैं।
  • यह ओषधि के सेवन से हार्मोन संतुलित होते हैं और महिलाओं में, समग्र कल्याण करने में लाभकारी है।
  • अवसाद और तनाव को दूर करने में डाबर रसराज रस के विशेष लाभ हैं।
  • कफ निस्सारक और ब्रोन्कोडायलेटर गुणों के कारण कफ को दूर कर फेफड़ों को पुष्ट करने के लिए।
  • पाचन अग्नि को संतुलित कर पाचन को सुधार कर दुर्बलता को दूर करने में लाभकारी है।

डाबर रसराज के घटक Ingredients of Dabur Rasraj

  • अभ्रक भस्म (Abhrak Bhasma) - Mica Calx
  • रस सिंदूर (Rasa Sindur) - Red Oxide of Lead
  • स्वर्ण भस्म (Swarna Bhasma) - Gold Calx
  • लौह भस्म (Lauha Bhasma) - Iron Calx
  • रजत भस्म (Rajata Bhasma) - Silver Calx
  • वंग भस्म (Vanga Bhasma) - Tin Calx
  • अश्वगंधा (Ashwagandha) - Winter Cherry or Indian Ginseng
  • जावित्री (Jatiphala) - Nutmeg
  • लौंग (Lavanga) - Clove
मात्रा
  • Rasa Sindur 68.96 mg
  • Abhrak Bhasma 17.24 mg
  • Swarna Bhasma 8.62 mg
  • Lauha Bhasma 4.31 mg
  • Rajata Bhasma 4.31 mg
  • Vanga Bhasma 4.31 mg
  • Ashvagandha 4.31 mg
  • Lavanga 4.31 mg
  • Jatiphala 4.31 mg
  • Kshir Kakoli 4.31 mg

कुछ शास्त्रों में इसके घटक निम्न प्रकार से हैं -
अभ्रक भस्म, स्वर्ण भस्म, मोती पिष्टी, प्रवाल भस्म, लौह भस्म, रोप्य भस्म, अश्वगंधा, लवंग, जावित्री, जयफल, काकोली आदि।

डाबर रसराज रस के उपयोग Dabur Rasraj Ras Uses & Benefits in Hindi

  • लकवा (Lakva) - Stroke
  • श्रवण दोष (Shravan Dosh) - Hearing Impairment
  • चक्कर आना (Chakkar Aana) - Dizziness
  • वात असंतुलन के कारण होने वाली बीमारियाँ (Vaat Asantulan ke Karan Hone Wali Bimariyan) - Diseases caused by Vata Imbalance
  • शारीरिक दुर्बलता (Sharirik Durbalta) - Physical Weakness
  • वात जनित रोग (Vaat Janit Rog) - Diseases caused by Vata Dosha
  • मानसिक दुर्बलता (Manasik Durbalta) - Mental Weakness
  • अनिंद्रा (Anindra) - Insomnia
  • भ्रम (Bhram) - Confusion
  • मानसिक कमजोरी (Manasik Kamjori) - Mental Fatigue
  • शरीर की कमजोरी (Sharir Ki Kamjori) - Physical Fatigue
  • हृदय को पुष्ट करने के लिए (Hriday Ko Pusht Karne Ke Liye) - For nourishing the heart
  • स्मरण शक्ति के विकास के लिए (Smaran Shakti Ke Vikas Ke Liye) - For the development of memory power
  • जोड़ों के दर्द के लिए (Jodon Ke Dard Ke Liye) - For joint pain
  • हस्तमैथुन जनित दुबलता को दूर करने के लिए (Hastmaithun Janit Dublata Ko Door Karne Ke Liye) - To overcome weakness due to excessive masturbation
  • वीर्य को पुष्ट करने के लिए (Virya Ko Pusht Karne Ke Liye) - For nourishing semen
  • लिवर की शुद्धिकरण के लिए (Liver Ki Shuddhikaran Ke Liye) - For liver purification
  • रोग प्रतिरोधक क्षमता के विकास के लिए (Rog Pratirodhak Kshamata Ke Vikas Ke Liye) - For the development of immune capacity
  • कमर दर्द के उपचार के लिए (Kamar Dard Ke Upchar Ke Liye) - For the treatment of lower back pain
  • मांशपेशियों की शिथिलता और दुर्बलता को दूर करने के लिए (Manspeshiyon Ki Shithilata Aur Durbalta Ko Door Karne Ke Liye) - For alleviating muscle looseness and weakness

डाबर रसराज रस के दुष्परिणाम Dabur Rasraj Ras Side Effects in Hindi

इसकी अति या दुरुपयोग से कुछ सामान्य दुष्प्रभाव हो सकते है-
  • पेट दर्द (Stomach Pain)
  • उल्टी (Vomiting)
  • चक्कर आना (Dizziness)
  • दस्त (Diarrhea)

रसराज रस की खुराक/सेवन विधि Dabur Rasraj Ras Dosage in Hindi

आमतौर पर, Dabur Rasraj Ras की ज्यादातर मामलों में सुझाव की जाने वाली खुराक कुछ इस प्रकार है-
  • लेने का तरीक़ा: मौखिक खुराक
  • कितना लें: 1-2 टैबलेट
  • कब लें: दिन में दो बार
  • खाने से पहले या बाद: कभी भी
  • उपचार अवधि: डॉक्टर की सलाह अनुसार
डॉक्टर की सलाह के अनुसार ही खुराक को बदला जा सकता है और उपयोगकर्ता के रोग की स्थिति और आवश्यकताओं के आधार पर इसमें विशेष बदलाव किया जा सकता है।

रसराज रस के सेवन के दौरान परहेज

वात बढ़ाने वाले आहार से परहेज किया जाना चाहिए और इसके साथ ही बेसन, अधिक तैलीय प्रदार्थ, बाजार का चटपटा भोजन, मैदा से बने हुए व्यंजन, फास्ट फ़ूड, रात्रि जागरण, दाल, चावल खटाई, अचार आदि का सेवन नहीं करना चाहिए। कृपया इस हेतु चिकित्सक से विस्तृत राय लें।

डाबर रसराज रस की कीमती Dabur Rasraj Ras Precious

  • ब्रांड DABUR
  • आइटम का वज़न 0.02 Kilograms
  • Dabur रसराज रस 10 टैबलेट ₹799.00 (₹79.90 / count)
  • कुल मात्रा 10 count
  • उम्र की रेंज (विवरण) वयस्क
  • प्रोडक्ट के लिए विशिष्ट उपयोग पक्षाघात

Product highlights

  • सिर्फ आयुर्वेदिक सामग्रियों के साथ तैयार किया गया है/Formulated with purely Ayurvedic ingredients
  • न्यूरो-मस्क्युलर समस्याओं में सहायक/Helpful in relieving neuro-muscular problems
  • शरीर की ताकत और प्रतिरक्षा को बढ़ावा देने में सहायक हो सकता है/May boost the strength and immunity of the body
डाबर रसराज रस विद गोल्ड टैबलेट एक शक्तिशाली ओषधि है आयुर्वेदिक ओषधियों के मेल से बनाई जाती है , जो हेमिप्लीजिया, बेल्स पॉल्सी, लॉकजॉ और वात असंतुलन से होने वाली अन्य विकारों को इलाज करने में सहायक हैं, साथ ही शरीर की ताकत और प्रतिरक्षा को बढ़ावा देने में भी सहायक हैं।
 

उपयोग में लेने से पूर्व सावधानियां Precautions before use

  • इस्तेमाल से पहले लेबल को ध्यानपूर्वक पढ़ें।
  • सीढ़ी धुप से दूर रखें, ठंडे और सुखे स्थान में संग्रहित करें।
  • बच्चों और गर्भवती महिलाओं को उपयोग में नहीं करना चाहिए/चिकित्सक की सलाह प्राप्त करें।
  • अधिक उपयोग से शरीर में कम्पन, चक्कर आदि जैसे परिणाम हो सकते हैं।
  • चिकित्सा की देखरेख में ही इस्तेमाल करें।
  • इस ओषधि को बच्चों के पहुंच से दूर रखें।
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