सतगुरु खोजे संत जीव काज को चाहहु हिंदी मीनिंग Satguru Khoje Jeev Kaj Ko Meaning : Kabir Ke Dohe Hindi Arth/Bhavarth Sahit
सतगुरु खोजे संत, जीव काज को चाहहु।मेटो भव के अंक, आवा गवन निवारहु॥
Satguru Khoje Sant Jeev Kaj Ko Chahahu,
Meto Bhav Ke Ank, Aava Gavan Nivarahu.
कबीर के दोहे का हिंदी मीनिंग (अर्थ/भावार्थ) Kabir Doha (Couplet) Meaning in Hindi
व्याख्या : यदि तुम अपने जीवन में कल्याण चाहते हो, भक्ति चाहते हो तो सतगुरु की खोज करके उनके सानिध्य में रहो। संसार की छाप, संसार के प्रभाव को छोड़कर तुम जन्म मरण से मुक्त हो जाओ। आशय है की कल्याण का मार्ग भक्ति ही है। साधक को चाहिए की वह अपने जीवन के कल्याण के लिए साधू/सतगुरु की खोज करे और उनके बताये गए मार्ग का अनुसरण करें। जन्म मरण के भेद को मिटाकर आवागमन मुक्त होने का एक ही तरीका है गुरु के आदेशों की पालना करना।
आपको ये पोस्ट पसंद आ सकती हैं
- कबीर पुंजी साह की मीनिंग Kabir Punji Sah Ki Meaning Kabir Ke Dohe
- कबीर भग की प्रीतड़ी केते गए गड़ंत मीनिंग Kabir Bhag Ki Preetadi Kete Meaning
- माषी गुड़ मैं गड़ि रही पंष रही लपटाइ Makhi Gud Me Gadi Rahi Meaning
Author - Saroj Jangir
दैनिक रोचक विषयों पर में 20 वर्षों के अनुभव के साथ, मैं कबीर के दोहों को अर्थ सहित, कबीर भजन, आदि को सांझा करती हूँ, मेरे इस ब्लॉग पर। मेरे लेखों का उद्देश्य सामान्य जानकारियों को पाठकों तक पहुंचाना है। मैंने अपने करियर में कई विषयों पर गहन शोध और लेखन किया है, जिनमें जीवन शैली और सकारात्मक सोच के साथ वास्तु भी शामिल है....अधिक पढ़ें। |