सतगुरु मिला जु जानिये ज्ञान उजाला होय हिंदी मीनिंग Satguru Mila Ju Janiye Meaning : Kabir Ke Dohe Hindi Arth/Bhavarth Sahit
सतगुरु मिला जु जानिये, ज्ञान उजाला होय।भ्रम का भाँडा तोड़ी करि, रहै निराला होय॥
Satguru Mila Ju Janiye, Gyan Ujala Hoy,
Bhram Ka Bhanda Todi Kari, Rahe Nirala Hoy.
कबीर के दोहे का हिंदी मीनिंग (अर्थ/भावार्थ) Kabir Doha (Couplet) Meaning in Hindi
सतगुरु जैसा कोई भी ज्ञानी नहीं है भले ही कोई सात द्वीप और नो खंड में ढूंढ ले। तीन लोक, इक्कीस ब्रह्मणडो में गुरु जैसा कोई नहीं है. आशय है की सतगुरु ही साधक को मुक्ति के मार्ग पर ले जा सकता है। और सतगुरु ही उसे भक्ति के गूढ़ विषय से साक्षात्कार करवाने में सक्षम होता है। इस दोहे में संत कबीरदास जी सद् गुरु के मिलन की पहचान बता रहे हैं। वे कहते हैं कि सद् गुरु के मिलन की पहचान तब होती है जब हमारे हृदय में ज्ञान का प्रकाश हो जाता है। अर्थात जब हम अपने वास्तविक स्वरूप को जान लेते हैं। जब हम सद् गुरु के बताए मार्ग पर चलने लगते हैं, तो हमारे अंदर ज्ञान का प्रकाश होता है। हम सांसारिक मोह माया से दूर हो जाते हैं और भगवान की भक्ति में लग जाते हैं।
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