सिर पर मुकुट सजे मुख पर उजाला

सिर पर मुकुट सजे मुख पर उजाला


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सिर पर मुकुट सजे,
मुख पर उजाला,
हाथ धनुष गले में पुष्प माला,
हम दास इनके ये सब के स्वामी,
अनजान हम ये अंतर्यामी।

शीश झुकाओ,
राम गुण गावो,
बोलो जय विष्णु के अवतारी,
राम जी की निकली सवारी,
राम जी की लीला है न्यारी

बरसों के बाद प्रभु रामजी आए,
घर-घर खुशी के हैं दीपक जलाएं,
प्यारी सजी है हमारी मां सीता,
फिर से सनातन धर्म है जीता,
व्याकुल पड़े हैं कब से खड़े हैं,
जल्दी से सुन लो आज हमारी,
राम जी के निकली सवारी,
राम जी की लीला है न्यारी।

धीरे चल रथ ओ रथ वाले,
तोहे खबर क्या ओ भोले भाले,
एक बार देखो जी ना भरेगा,
सौ बार देखो फिर जी करेगा,
ढोल बजाओ स्वागत मानाओ,
दर्शन के प्यासे हैं सब नर नारी,
राम जी की निकली सवारी,
रामजी की लीला है न्यारी।


Raam bhajan 2024 || राम जी की निकली सवारी || nandani singh || jai shri raam


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