उमर चाली रे हरि का भजन बिन बन्दा लिरिक्स Umar Chali Re Hari Ka Bhajan Lyrics

उमर चाली रे हरि का भजन बिन बन्दा लिरिक्स Umar Chali Re Hari Ka Bhajan Lyrics



उमर चाली रे हरि का भजन बिन बन्दा लिरिक्स Umar Chali Re Hari Ka Bhajan Lyrics

उमर चाली रे,
हरि का भजन बिन बन्दा,
रह गयो खाली रे उमर चाली रे।

गर्भ वास में घणों दुख पायो,
रहतो गन्दी नाली रे,
काम क्रोध मद लोभ मोह,
बण बैठो जाली रे,
उमर चाली रे,
हरि का भजन बिन बन्दा,
रह गयो खाली रे,
उमर चाली रे।

कुटिया माय भ्रम जो डोले,
माया लागे प्यारी रे,
फंस गयो फंदा माय,
गला बिच डाली फांसी रे,
उमर चाली रे,
हरि का भजन बिन बन्दा,
रह गयो खाली रे उमर चाली रे।

कुकर्मा ने घणों र सिंचतो,
जैसे बाग को माली रे,
साधु संगत कि प्रीत बावला,
कदयन साथी रे,
उम्र चाली रे,
हरि का भजन बिन बन्दा,
रह गयो खाली रे उमर चाली रे।

अब तो अवसर आयो रे हाथ में,
क्यो नगटाई धारी रे,
कहें परमानंद तज पाखण्ड ने,
चुके मत जाली रे,
उमर चाली रे,
हरि का भजन बिन बन्दा,
रह गयो खाली रे उमर चाली रे।


यह केवल भजन नहीं जीवन की सच्चाई है | उमर चाली रे हरि का भजन बिन | New bhajan | latest


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