हलवे की थाली भर भर लायी लिरिक्स Halave Ki Thali Bhar Layi Bhajan Lyrics
हलवे की थाली भर भर लायी,
हलवे की थाली भर भर लायी,
मां हलवे की थाली भर भर लायी,
मैं पहले तुझे भोग लगाऊं,
फिर मैं संगत में बटवाऊं,
मैं पहले तुझे भोग लगाऊं,
फिर मैं संगत में बटवाऊं,
पूरी मन की मुराद कर मां महामाई,
लायी हलवे की थाली भर भर लायी,
हलवे की थाली भर भर लायी,
हलवे की थाली भर भर लायी।
ए मां भर के देशी घी का हलवा,
मैंने आप बनाया,
मैंने आप बनाया,
हलवा मैंने आप बनाया,
किसमिस काजू मेवा डाल के,
चांदी के परत से सजाया,
चांदी के परत से सजाया,
चांदी के परत से सजाया,
मां मेरी भोग लगाओ,
भोग अमृत ये बनाओ,
पूरी मन की मुराद कर मां महामाई,
हलवे की थाली भर भर लायी,
हलवे की थाली मैं भर भर लायी।
मां मीठा मीठा हलवा खा कर,
मीठा मीठा मीठा वर दो,
मीठा मीठा वर दो ,
अपने भक्तों की झोली मां,
सुख संपत से भर दो,
सुख संपत से भर दो,
सुख संपत से भर दो,
माँ बड़ी दयालु हो तुम,
शरण में खड़े हुए हम,
ओ पूरी मन की मुराद,
कर मां महामाई,
हलवे की थाली भर भर लायी,
हलवे की थाली मैं भर भर लायी।
हे जगजननी तुम तो सदा,
उपकार किया करती हो,
सरल सभी सपनों को,
साकार किया करती हो,
साकार किया करती हो,
ये लखा दास तुम्हारा,
करू बस एक इशारा,
की पूरी मन की मुराद,
हो जाये माँ महा माई,
हलवे की थाली भर भर लायी,
हलवे की थाली मैं भर भर लायी।
मैं पहले तुझे भोग लगाऊं,
फिर मैं संगत में बटवाऊं,
मैं पहले तुझे भोग लगाऊं,
फिर मैं संगत में बटवाऊं,
पूरी मन की मुराद कर मां महामाई,
लायी हलवे की थाली भर भर लायी,
हलवे की थाली भर भर लायी,
हलवे की थाली भर भर लायी।
हलवे की थाली भर भर लायी,
मां हलवे की थाली भर भर लायी,
मैं पहले तुझे भोग लगाऊं,
फिर मैं संगत में बटवाऊं,
मैं पहले तुझे भोग लगाऊं,
फिर मैं संगत में बटवाऊं,
पूरी मन की मुराद कर मां महामाई,
लायी हलवे की थाली भर भर लायी,
हलवे की थाली भर भर लायी,
हलवे की थाली भर भर लायी।
ए मां भर के देशी घी का हलवा,
मैंने आप बनाया,
मैंने आप बनाया,
हलवा मैंने आप बनाया,
किसमिस काजू मेवा डाल के,
चांदी के परत से सजाया,
चांदी के परत से सजाया,
चांदी के परत से सजाया,
मां मेरी भोग लगाओ,
भोग अमृत ये बनाओ,
पूरी मन की मुराद कर मां महामाई,
हलवे की थाली भर भर लायी,
हलवे की थाली मैं भर भर लायी।
मां मीठा मीठा हलवा खा कर,
मीठा मीठा मीठा वर दो,
मीठा मीठा वर दो ,
अपने भक्तों की झोली मां,
सुख संपत से भर दो,
सुख संपत से भर दो,
सुख संपत से भर दो,
माँ बड़ी दयालु हो तुम,
शरण में खड़े हुए हम,
ओ पूरी मन की मुराद,
कर मां महामाई,
हलवे की थाली भर भर लायी,
हलवे की थाली मैं भर भर लायी।
हे जगजननी तुम तो सदा,
उपकार किया करती हो,
सरल सभी सपनों को,
साकार किया करती हो,
साकार किया करती हो,
ये लखा दास तुम्हारा,
करू बस एक इशारा,
की पूरी मन की मुराद,
हो जाये माँ महा माई,
हलवे की थाली भर भर लायी,
हलवे की थाली मैं भर भर लायी।
मैं पहले तुझे भोग लगाऊं,
फिर मैं संगत में बटवाऊं,
मैं पहले तुझे भोग लगाऊं,
फिर मैं संगत में बटवाऊं,
पूरी मन की मुराद कर मां महामाई,
लायी हलवे की थाली भर भर लायी,
हलवे की थाली भर भर लायी,
हलवे की थाली भर भर लायी।
Lakhbir Singh Lakha Mata Bhajan | Halwe Ki Thali Bhar Bhar Layi | Navratri
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