अब कर ले हरि से प्रीत रे
अरे बहुत निभा ली,
अरे बहुत निभा ली प्रीत जगत से,
अब कर ले हरि से प्रीत रे,
तीन लोक में हरि से सच्चा,
और नहीं कोई मीत रे।
बन के रहा जगत का हर पल,
क्या क्या खेल दिखाए तूने,
जैसे जिसने तुझे नचाया,
वैसे ही नाचता जाए पगले,
जगत रिझाने को ना जाने,
गाए क्या क्या गीत रे,
तीन लोक में हरि से सच्चा,
और नहीं कोई मीत रे।
क्या खोया क्या पाया जग में,
किसने साथ निभाया तेरा,
जब जब भटका तू रस्ते से,
किसने तुझको बचाया,
है स्वार्थी जब हाल जगत का,
हरि निभाए रीत रे,
तीन लोक में हरि से सच्चा,
और नहीं कोई मीत रे।
अब भी वक्त सम्हल जा वरना,
अंत समय पछतायेगा,
चाहेगा हरि नाम तू लेना,
पर तू ले ना पायेगा पगले,
छोड़ जगत हरि शरण में आजा,
हो जायेगा जीत रे,
तीन लोक में हरि से सच्चा,
और नहीं कोई मीत रे।
Ab Kar Le Hari Se Preet Re | अब कर ले हरि से प्रीत रे | Vishnu Songs | Vishnu Bhajan | @bhajanindia
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