हृदय में है झांकी मेरे सियाराम की लिरिक्स Hridya Me Hai Jhanki Mere Siyaram Lyrics
हृदय में है झांकी मेरे सियाराम की लिरिक्स Hridya Me Hai Jhanki Mere Siyaram Lyrics
तेरी मणियों की है जो ये माला,
नहीं है मेरे किसी काम की,
मेरे हृदय में हर पल बिराजे,
है झांकी मेरे सियाराम की,
अरे मैं तो हूं सेवक,
राजा राम सरकार का,
चाकर हूं मैं तो इनके,
राम दरबार का,
तेरी मणियों की है जो ये माला,
नहीं है मेरे किसी काम की।
जीवन में पल मुझको,
नहीं मंजूर वो,
जीवन में पल मुझको,
नहीं मंजूर वो,
जिसमें ये सेवक अपने,
स्वामी से दूर हो,
तेरी मणियों की है जो ये माला,
नहीं है मेरे किसी काम की।
शबरी अहिल्या और जटायु,
केवट का उद्धार किया,
शबरी अहिल्या और जटायु,
केवट का उद्धार किया,
रावण कुंभकरण खरदूषण,
जैसों का संहार किया,
तेरी मणियों की है जो ये माला,
नहीं है मेरे किसी काम की।
मुझको दौलत ना कोई,
धन दाम चाहिए,
मुझको दौलत ना कोई,
धन दाम चाहिए,
आंखें खोलूं तो आगे,
सियाराम चाहिए,
तेरी मणियों की है जो ये माला,
नहीं है मेरे किसी काम की।
तेरी मणियों की है जो ये माला,
नहीं है मेरे किसी काम की,
मेरे हृदय में हर पल बिराजे,
है झांकी मेरे सियाराम की,
अरे मैं तो हूं सेवक,
राजा राम सरकार का,
चाकर हूं मैं तो इनके,
राम दरबार का,
तेरी मणियों की है जो ये माला,
नहीं है मेरे किसी काम की।
नहीं है मेरे किसी काम की,
मेरे हृदय में हर पल बिराजे,
है झांकी मेरे सियाराम की,
अरे मैं तो हूं सेवक,
राजा राम सरकार का,
चाकर हूं मैं तो इनके,
राम दरबार का,
तेरी मणियों की है जो ये माला,
नहीं है मेरे किसी काम की।
जीवन में पल मुझको,
नहीं मंजूर वो,
जीवन में पल मुझको,
नहीं मंजूर वो,
जिसमें ये सेवक अपने,
स्वामी से दूर हो,
तेरी मणियों की है जो ये माला,
नहीं है मेरे किसी काम की।
शबरी अहिल्या और जटायु,
केवट का उद्धार किया,
शबरी अहिल्या और जटायु,
केवट का उद्धार किया,
रावण कुंभकरण खरदूषण,
जैसों का संहार किया,
तेरी मणियों की है जो ये माला,
नहीं है मेरे किसी काम की।
मुझको दौलत ना कोई,
धन दाम चाहिए,
मुझको दौलत ना कोई,
धन दाम चाहिए,
आंखें खोलूं तो आगे,
सियाराम चाहिए,
तेरी मणियों की है जो ये माला,
नहीं है मेरे किसी काम की।
तेरी मणियों की है जो ये माला,
नहीं है मेरे किसी काम की,
मेरे हृदय में हर पल बिराजे,
है झांकी मेरे सियाराम की,
अरे मैं तो हूं सेवक,
राजा राम सरकार का,
चाकर हूं मैं तो इनके,
राम दरबार का,
तेरी मणियों की है जो ये माला,
नहीं है मेरे किसी काम की।
हृदय में झांकी श्री राम की Hriday Mein Jhanki Shree Ram Ki | Ram Bhajan | BRIJRAJ SINGH LAKKHA | 4K
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