जब ढूंढूं अकेलापन मन शोर मचाता है

जब ढूंढूं अकेलापन मन शोर मचाता है

 
जब ढूंढूं अकेलापन मन शोर मचाता है Jab Dhundhu Akelapan Bhajan Lyrics

जब ढूंढूं अकेलापन मन शोर मचाता है,
तू साथ में होने का एहसास दिलाता है,
जब ढूंढूं अकेलापन मन शोर मचाता है।

ये समय का पहिया तो निश्चित ही घूमेगा,
अंधियारों में राही रस्ता भी ढूंढेगा,
इन राहों में जब कोई दीपक दिख जाता है,
तू साथ में होने का एहसास दिलाता है,
जब ढूंढूं अकेलापन मन शोर मचाता है।

लालच में देख कोड़ी मन बार बार दौड़ा,
धन जोड़ लिया झूठा सच्ची पूंजी को छोड़ा,
सच बोलू जब ये धन है मेरे काम ना आता है,
तू साथ में होने का एहसास दिलाता है,
जब ढूंढूं अकेलापन मन शोर मचाता है।

मालूम है ये मुझको वो घड़ी भी आनी है,
माटी की ये काया माटी हो जानी है,
कर्मो का निशा वैभव यादों को बनाता है,
तू साथ में होने का एहसास दिलाता है,
जब ढूंढूं अकेलापन मन शोर मचाता है।

जब ढूंढूं अकेलापन मन शोर मचाता है,
तू साथ में होने का एहसास दिलाता है,
जब ढूंढूं अकेलापन मन शोर मचाता है।


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