ॐ जय साईनाथ हरे लिरिक्स Om Jay Sainath Hare Bhajan Lyrics
ॐ जय साई नाथ हरे,
बाबा जय साई नाथ हरे,
भक्त जनों के संकट,
भक्त जनों के संकट,
क्षण में दूर करें,
ॐ जय साई नाथ हरे।
जो ध्यावे फल पावे,
दुख बिन से मन का,
साई दुख बिन से मन का,
सुख संपत्ति घर आवे,
सुख संपत्ति घर आवे,
कष्ट मिटे तन का,
ॐ जय साई नाथ हरे।
मात पिता तुम मेरे,
शरण पड़ूं में किसकी,
साई शरण पड़ूं में किसकी,
तुम बिन और ना दूजा,
तुम बिन और ना दूजा,
आस करूं मैं किसकी,
ॐ जय साई नाथ हरे।
तुम पूरण परमात्मा,
तुम अन्तर्यामी,
साई तुम अन्तर्यामी,
पार ब्रह्म परमेश्वर,
पार ब्रह्म परमेश्वर,
तुम सबके स्वामी,
ॐ जय साई नाथ हरे।
तुम करूणा के सागर,
तुम पालन करता,
साई तुम पालन करता,
मैं मूर्ख खलकामी,
मैं मूर्ख खलकामी,
कृपा करो बाबा,
ॐ जय साई नाथ हरे।
तुम हो एक अगोचर,
सबके प्राणपति,
साई सबके प्राणपति,
किस विधि मिलूं दयामय,
किस विधि मिलूं दयामय,
तुमको मैं कुमति,
ॐ जय साई नाथ हरे।
दीन बंधु दुःख हर्ता,
तुम ठाकुर मेरे,
साई तुम रक्षक मेरे,
अपने हाथ उठाओ,
अपने हाथ उठाओ,
द्वार खड़ा तेरे,
ॐ जय साई नाथ हरे।
विषय विकार मिटाओ,
पाप हरो देवा,
पाप हरो बाबा,
श्रद्धा भक्ति बढ़ाओ,
श्रद्धा भक्ति बढ़ाओ,
संतन की सेवा,
ॐ जय साई नाथ हरे।
ॐ जय साई नाथ हरे,
बाबा जय साई नाथ हरे,
भक्त जनों के संकट,
भक्त जनों के संकट,
क्षण में दूर करें,
ॐ जय साई नाथ हरे।
बाबा जय साई नाथ हरे,
भक्त जनों के संकट,
भक्त जनों के संकट,
क्षण में दूर करें,
ॐ जय साई नाथ हरे।
जो ध्यावे फल पावे,
दुख बिन से मन का,
साई दुख बिन से मन का,
सुख संपत्ति घर आवे,
सुख संपत्ति घर आवे,
कष्ट मिटे तन का,
ॐ जय साई नाथ हरे।
मात पिता तुम मेरे,
शरण पड़ूं में किसकी,
साई शरण पड़ूं में किसकी,
तुम बिन और ना दूजा,
तुम बिन और ना दूजा,
आस करूं मैं किसकी,
ॐ जय साई नाथ हरे।
तुम पूरण परमात्मा,
तुम अन्तर्यामी,
साई तुम अन्तर्यामी,
पार ब्रह्म परमेश्वर,
पार ब्रह्म परमेश्वर,
तुम सबके स्वामी,
ॐ जय साई नाथ हरे।
तुम करूणा के सागर,
तुम पालन करता,
साई तुम पालन करता,
मैं मूर्ख खलकामी,
मैं मूर्ख खलकामी,
कृपा करो बाबा,
ॐ जय साई नाथ हरे।
तुम हो एक अगोचर,
सबके प्राणपति,
साई सबके प्राणपति,
किस विधि मिलूं दयामय,
किस विधि मिलूं दयामय,
तुमको मैं कुमति,
ॐ जय साई नाथ हरे।
दीन बंधु दुःख हर्ता,
तुम ठाकुर मेरे,
साई तुम रक्षक मेरे,
अपने हाथ उठाओ,
अपने हाथ उठाओ,
द्वार खड़ा तेरे,
ॐ जय साई नाथ हरे।
विषय विकार मिटाओ,
पाप हरो देवा,
पाप हरो बाबा,
श्रद्धा भक्ति बढ़ाओ,
श्रद्धा भक्ति बढ़ाओ,
संतन की सेवा,
ॐ जय साई नाथ हरे।
ॐ जय साई नाथ हरे,
बाबा जय साई नाथ हरे,
भक्त जनों के संकट,
भक्त जनों के संकट,
क्षण में दूर करें,
ॐ जय साई नाथ हरे।
Saibaba Aarti : Om Jai Sainath Hare : साईबाबा धूप आरती : Original Aarti : Amey Date :ॐ जय साईनाथ हरे
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