सतगुरु पूछे रे चुंदड़ तेरी कैसे बिगड़ी लिरिक्स Satguru Puchhe Re Chundad Bhajan Lyrics

सतगुरु पूछे रे चुंदड़ तेरी कैसे बिगड़ी लिरिक्स Satguru Puchhe Re Chundad Bhajan Lyrics


 
सतगुरु पूछे रे चुंदड़ तेरी कैसे बिगड़ी लिरिक्स Satguru Puchhe Re Chundad Bhajan Lyrics

सतगुरु पूछे रे चुंदड़,
तेरी कैसे बिगड़ी,
दयालु पूछे रे चुंदड़,
तेरी कैसे बिगड़ी,
कैसे बिगड़ी रे चुंदड़,
माया में रूली।

सतगुरु पूछे रे चुंदड़,
तेरी कैसे बिगड़ी,
दयालु पूछे रे चुंदड़,
तेरी कैसे बिगड़ी।

लखचौरासी की,
घुमघाम में,
चुंदड़ तूने पाई,
कैसे दाग लगयो चुनर के,
तूने नहीं बचाई,
सतगुरु पूछे रे चुंदड़,
तेरी कैसे बिगड़ी,
दयालु पूछे रे चुंदड़,
तेरी कैसे बिगड़ी।

नई नवेली चुनर ओढ़ी,
काया थारी चमकी,
होश भूलकर फिरे जगत में,
खबर नहीं निज घर की,
सतगुरु पूछे रे चुनर,
तेरी कैसे बिगड़ी,
दयालु पूछे रे चुनर,
तेरी कैसे बिगड़ी।

सतसंगत में कदियन आयो,
मोह माया में खोयो,
देख दशा करतार आपकी,
लिख कागज़ फाडयो,
सतगुरु पूछे रे चुनर,
तेरी कैसे बिगड़ी,
दयालु पूछे रे चुनर,
तेरी कैसे बिगड़ी।

ध्रुव प्रहलाद सुदामा ने ओडी,
सुखदेव निर्मल किनी,
दास कबीरसा ने ऐसी ओडी,
जुकि त्यु धर दीनी,
सतगुरु पूछे रे चुंदड़,
तेरी कैसे बिगड़ी,
दयालु पूछे रे चुंदड़,
तेरी कैसे बिगड़ी।
सतगुरु देव की जय हो।


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