बहना सुणो तो सरी भजन
बहना सुणो तो सरी,
बाया सुणो तो सरी,
रामजी दयाल ज्याने,
क्यूं बिसरी।
सांझ सवेरे झगड़ो करती,
दोपारा लग सोती,
बासी मुन्डे करे कलेवो,
पीछे मुखड़ो धोती,
बहना सुणो तो सरी,
बाया सुणो तो सरी,
रामजी दयाल ज्याने,
क्यूं बिसरी।
कर तकरार पति पर कड़के,
जैसे कालो नागण,
सीख न किसी की सुणे संकणी,
ऐसी है मंदभागण,
बहना सुणो तो सरी,
बाया सुणो तो सरी,
रामजी दयाल ज्याने,
क्यूं बिसरी।
बड़ी कठोर दया नहीं मन में,
रहे ना किसी के सहारे,
रोटी करती टाबरिया ने,
पटक पटक कर मारे,
बहना सुणो तो सरी,
बाया सुणो तो सरी,
रामजी दयाल ज्याने,
क्यूं बिसरी।
घर में बैठया मन नहीं लागे,
दिन भर करे हथाई,
बास गलियों में फिरे भटकती,
निंदा करे पराई,
बहना सुणो तो सरी,
बाया सुणो तो सरी,
रामजी दयाल ज्याने,
क्यूं बिसरी।
दोनों हाथां सू माथो कुचरे,
चक चक जूंआ मारे,
ओढ़नियो लटकाया चाले,
फिरती डगर बुहारे,
बहना सुणो तो सरी,
बाया सुणो तो सरी,
रामजी दयाल ज्याने,
क्यूं बिसरी।
हरदम मुंडो फुलायो राखे,
कदे ना मीठी बोले,
बड़े बुढ़ो की तान ना माने,
बदन ऊघाड़िया डोले,
बहना सुणो तो सरी,
बाया सुणो तो सरी,
रामजी दयाल ज्याने,
क्यूं बिसरी।
रोवे तो सब गांव सुणावे,
हड़ हड़ हड़ हांसे,
मेली घणी कुचेली रेवे,
तन रा कपड़ा बासे,
बहना सुणो तो सरी,
बाया सुणो तो सरी,
रामजी दयाल ज्याने,
क्यूं बिसरी।
ऐसी नार मिले कोई नर ने,
हरि ने तुरंत पुकारे,
दीनानाथ दया कर म्हारो,
बेड़ो पार उतारे,
बहना सुणो तो सरी,
बाया सुणो तो सरी,
रामजी दयाल ज्याने,
क्यूं बिसरी।
घर बातां बारे बातां,
बातां आता जाता,
ऐ बातां थारी कदे न खूटे,
पड़े जमा री लाता,
बहना सुणो तो सरी,
बाया सुणो तो सरी,
रामजी दयाल ज्याने,
क्यूं बिसरी।
खावण ने तो खाटी घणी,
राम भजन में माटी,
जंवायो रा गीत गावती,
फिरे शहर में नाटी,
बहना सुणो तो सरी,
बाया सुणो तो सरी,
रामजी दयाल ज्याने,
क्यूं बिसरी।
पांच सात भाई भेला रेवे तो,
घर में लागे प्यारा,
जो बायां रो सारो होवे तो,
करदे न्यारा न्यारा,
बहना सुणो तो सरी,
बाया सुणो तो सरी,
रामजी दयाल ज्याने,
क्यूं बिसरी।
परमार्थ ने पतली पोवे,
घर का ताई जाडी,
साहिब के दरबार में थारी,
कया आसी आडी,
बहना सुणो तो सरी,
बाया सुणो तो सरी,
रामजी दयाल ज्याने,
क्यूं बिसरी।
सोखा चावल मोठ बाजरी,
घर में आगा मेले,
अलियो धान घणा,
कांकरा मांगणिया ढेले,
बहना सुणो तो सरी,
बायां सुणो तो सरी,
रामजी दयाल ज्याने,
क्यूं बिसरी।
ओढ़ पेर कर ऐड़ी निरखे,
उण बायां री बड़दे,
जे बायां रो हुकम चाले तो,
चोटी फूरकतो करदे,
बहना सुणो तो सरी,
बायां सुणो तो सरी,
रामजी दयाल ज्याने,
क्यूं बिसरी।
बाया ने तो निंदो मती रे,
निंदो या रा पाप,
बायां री निंदा मत करजो,
बायां सबकी माया,
बहना सुणो तो सरी,
बाया सुणो तो सरी,
रामजी दयाल ज्याने,
क्यूं बिसरी।
बायां री निंदा मत करजो,
बायां सबकी माया,
अमर भई है मीरा बाई,
गिरधर का गुण गाया,
बहना सुणो तो सरी,
बायां सुणो तो सरी,
रामजी दयाल ज्याने,
क्यूं बिसरी।
बहना सुणो तो सरी रामजी दयाल ज्याने क्यूं बिसरी।। भजन।। महंत परमहंस डॉ. श्री रामप्रसाद जी महाराज
ऐसे ही अन्य भजनों के लिए आप होम पेज / गायक कलाकार के अनुसार भजनों को ढूंढें.
पसंदीदा गायकों के भजन खोजने के लिए यहाँ क्लिक करें।
भजन।।महंत परमहंस डॉ श्री रामप्रसाद जी महाराज।।
आपको ये पोस्ट पसंद आ सकती हैं