मोकों कहाँ ढूँढ़े बंदे मैं तो तेरे पास में मीनिंग

मोकों कहाँ ढूँढ़े बंदे मैं तो तेरे पास में हिंदी मीनिंग

 
मोकों कहाँ ढूँढ़े बंदे मैं तो तेरे पास में हिंदी मीनिंग Moko Kaha Dhundhe Re Bande Meaning : Kabir Ke Pad Hindi arth/Bhavarth Sahit

मोकों कहाँ ढूँढ़े बंदे, मैं तो तेरे पास में।
ना मैं देवल ना मैं मसजिद, ना काबे कैलास में।
ना तो कौन क्रिया-कर्म में, नहीं योग बैराग में।
खोजी होय तो तुरतै मिलिहौं, पल भर की तलास में।
कहैं कबीर सुनो भाई साधो, सब स्वाँसों की स्वाँस में॥

इस पद में कबीर साहेब ईश्वर के विषय में कथन देते हैं की तुम मुझे कहाँ पर ढूंढ रहे हो ? मैं तो तुम्हारे ही पास में हूँ। ना तो मैं देवल में, ना मैं मस्जिद में और नाहीं तो मैं काबा और कैलाश में ही हूँ। मैं किसी क्रिया कर्म में नहीं हूँ और ना ही मैं योग और बैराग्य में हूँ। मैं (ईश्वर) तो सर्वश्व ही व्याप्त हूँ, यदि कोई हृदय से खोजी स्वभाव का होता है तो उसे तुरंत ही ईश्वर प्राप्त हो जाता है। कबीर साहेब कहते हैं की हे साधो, ईश्वर तो स्वास स्वास में ही व्याप्त है। 


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