पोथी पढ़ि पढ़ि जग मुआ पंडित भया न कोय हिंदी मीनिंग Pothi Padh Padh Pandit Mua Meaning

पोथी पढ़ि पढ़ि जग मुआ पंडित भया न कोय हिंदी मीनिंग Pothi Padh Padh Pandit Mua Meaning : kabir Ke Dohe Hindi Arth Bhavarth Sahit.

पोथी पढ़ि पढ़ि जग मुआ, पंडित भया न कोय।
ढाई आखर प्रेम का, पढ़े सो पंडित होय।
 
Pothi Padhi Padhi Jag Mua, Pandit Bhaya Na Koy,
Dhai Aakhar Prem Ka, Pade So Pandit Hoy.
 
पोथी पढ़ि पढ़ि जग मुआ, पंडित भया न कोय
 
कबीर के दोहे का हिंदी मीनिंग (अर्थ/भावार्थ) Kabir Doha (Couplet) Meaning in Hindi
 
पोथी/किताबें पढ़ पढ़ कर सम्पूर्ण जगत पंडित बन गया है। ढाई अक्षर प्रेम का पढ़कर ही कोई ज्ञानी बन सकता है। आशय है की जीवन में प्रेम का अधिक महत्त्व होता है। प्रेम से ही व्यक्ति समाज और स्वंय के लिए उपयोगी होता है। किताबी और शास्त्रों का ज्ञान कोई महत्त्व नहीं रखता है।  इस दोहे में कबीर दास जी यह शिक्षा देते हैं कि ज्ञान केवल पुस्तकों से प्राप्त नहीं होता है। ज्ञान का वास्तविक स्रोत प्रेम है। जो व्यक्ति प्रेम को समझ लेता है, वही सच्चा ज्ञानी होता है।

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