तीरथ गए ते एक फल संत मिले फल चार अर्थ मीनिंग Teerath Gaye Te Ek Phal Meaning

तीरथ गए ते एक फल संत मिले फल चार अर्थ मीनिंग Teerath Gaye Te Ek Phal Meaning : Kabir Ke Dohe Hindi Arth/Bhavarth

तीरथ गए ते एक फल, संत मिले फल चार,
सद्गुरु मिले अनेक फल, कहे कबीर विचार।

Teerath Gaye Te Ek Phal, Sant Mil Phal Char,
Sadguru Mile Anek Phal, Kahe Kabira Vichar.
 
तीरथ गए ते एक फल संत मिले फल चार अर्थ मीनिंग Teerath Gaye Te Ek Phal Meaning

 

कबीर के दोहे के शब्दार्थ हिंदी Hindi Word Meaing of Kabir Doha

  1. तीरथ : तीर्थ, धार्मिक यात्रा, तीर्थांटन।
  2. गए ते : जाने से (तीर्थ करने से )
  3. एक फल : एक ही परिणाम प्राप्त होता है।
  4. संत मिले फल चार : ग्यानी संत के मिलने पर चार फल प्राप्त होते हैं।
  5. सद्गुरु : सच्चा गुरु, सतगुरु।
  6. मिले : मिलने पर।
  7. अनेक फल : अनेक प्रकार के लाभ हैं।
  8. कहे कबीर विचार : कबीर साहेब विचार करने के उपरान्त कहते हैं।

हिंदी अर्थ / भावार्थ  - कबीर साहेब के इस दोहे का भावार्थ है की तीर्थ करने से एक पुण्य मिलता है, लेकिन संतो की संगति से  पुण्य मिलते हैं, संगती का लाभ होता है। और सच्चे गुरु के पा लेने से जीवन में अनेक पुण्य मिल जाते हैं, सतगुरु के सानिध्य से अनेकों पुन्य मिलते हैं।  हम सभी जानते हैं कि धार्मिक दृष्टिकोण से देखा जाए तो, सभी धर्मों में तीर्थ यात्रा का बहुत महत्व होता है, साहेब ने तीर्थ करने को वास्तविक भक्ति नहीं माना है। इसी दृष्टिकोण से, कबीर दास जी कहते हैं कि तीर्थ यात्रा करने से एक ही प्रकार के फल मिलते हैं, इसका फल व्यक्ति हो सकता है लेकिन इसका कोई धार्मिक महत्त्व साहेब ने नहीं माना है।
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