साधो ये मुरदों का गांव हिंदी मीनिंग Sadho Ye Murado Ka Ganv Meaning : Kabir Ke Pad Hindi Arth/Bhavarth
पीर मरे पैगम्बर मरिहैं
मरि हैं जिन्दा जोगी
राजा मरिहैं परजा मरिहै
मरिहैं बैद और रोगी
चंदा मरिहै सूरज मरिहै
मरिहैं धरणि आकासा
चौदां भुवन के चौधरी मरिहैं
इन्हूं की का आसा
नौहूं मरिहैं दसहूं मरिहैं
मरि हैं सहज अठ्ठासी
तैंतीस कोट देवता मरि हैं
बड़ी काल की बाजी
नाम अनाम अनंत रहत है
दूजा तत्व न होइ
कहत कबीर सुनो भाई साधो
भटक मरो ना कोई
संत कबीर की इस पद में वे सांसारिक जीवन की तुलना मुर्दों के गाँव से करते हैं। वे कहते हैं कि इस दुनिया में सभी लोग, चाहे वे कोई भी हों, अंततः मर जाएंगे। पीर, पैगंबर, योगी, राजा, प्रजा, वैद्य, रोगी, चंद्रमा, सूर्य, पृथ्वी, आकाश, और चौदह भुवन के राजा आदि सभी मृत्यु को प्राप्त होते हैं.आपको ये पोस्ट पसंद आ सकती हैं
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Author - Saroj Jangir
दैनिक रोचक विषयों पर में 20 वर्षों के अनुभव के साथ, मैं कबीर के दोहों को अर्थ सहित, कबीर भजन, आदि को सांझा करती हूँ, मेरे इस ब्लॉग पर। मेरे लेखों का उद्देश्य सामान्य जानकारियों को पाठकों तक पहुंचाना है। मैंने अपने करियर में कई विषयों पर गहन शोध और लेखन किया है, जिनमें जीवन शैली और सकारात्मक सोच के साथ वास्तु भी शामिल है....अधिक पढ़ें।
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