सुहागन तीरथ करने चली लिरिक्स Suhagan Teerath Karne Chali Lyrics
सुहागन तीरथ करने चली,
सुहागन तीरथ करने चली।
अंग भरे जेवर सजवाकर,
कंधी तेल से मली,
सुहागन तीरथ करने चली।
पति के सिर पर बोझा देकर,
हाथ हिलावत खुली,
सुहागन तीरथ करने चली।
ऊंट संवारो घोडा बांधो,
आप रहत है खुली,
सुहागन तीरथ करने चली।
रोठ बुलाओ लड़ बनाओ,
आप न थोडी हिली,
पति बिचारा बेल बना है,
आप बनी है बली,
सुहागन तीरथ करने चली।
संत देवता से नहीं नाता,
घुमे दुकान और गली,
क्या होगा तीरथ करने से,
पति चढ़ाया सुली,
सुहागन तीरथ करने चली।
तुकड्यादास कहे ए भाई,
काहेको ऐसी पली,
सुहागन तीरथ करने चली।
Rashtrasant Tukdoji Maharaj Bhajan – सुहागन तीरथ करने चली ॥
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Source: From the collection of Shri. Mohan Gaigol, Rashtrasant Tukdoji Maharaj Gurudev Seva Ashram Bhajan Mandal, Changefal. हे भजन share करण्यामागे फक्त महाराजांच्या ठायी असलेली भावभक्ती हा एकमेव हेतू आहे.
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