सोने वाले जाग जा संसार मुसाफिर खाना है लिरिक्स Sone Wale Jag Ja Bhajan Lyrics
सोने वाले जाग जा संसार मुसाफिर खाना है लिरिक्स Sone Wale Jag Ja Bhajan Lyrics
किस धुन में बैठा बावरे,
किस मद में मस्ताना है,
सोने वाले जाग जा,
संसार मुसाफिर खाना है,
अरे सोने वाले जाग जा,
संसार मुसाफिर खाना है।
क्या लेकर आया था जग में,
फिर क्या लेकर जायेगा,
मुट्ठी बांध के आया जग में,
हाथ पसारे जाना है,
अरे सोने वाले जाग जा,
संसार मुसाफिर खाना है।
कोई आज गया कोई कल गया,
कोई चंद रोज में जायेगा,
जिस घर से निकल गया पंछी,
उस घर में फिर नहीं आना है,
अरे सोने वाले जाग जा,
संसार मुसाफिर खाना है।
सुत मात पिता बांधव नारी,
धन धाम यहीं रह जायेगा,
ये चंद रोज की यारी है,
फिर अपना कौन बेगाना है,
अरे सोने वाले जाग जा,
संसार मुसाफिर खाना है।
कह भिक्षु यती हरि नाम जपो,
फिर ऐसा समय ना आयेगा,
पाकर कंचन सी काया फिर,
हाथ मीझ पछताना है,
अरे सोने वाले जाग जा,
संसार मुसाफिर खाना है।
किस धुन में बैठा बावरे,
किस मद में मस्ताना है,
सोने वाले जाग जा,
संसार मुसाफिर खाना है,
अरे सोने वाले जाग जा,
संसार मुसाफिर खाना है।
Sone Wale Jaag Ja Sansar Musafir Khana Hai
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